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इस मुगल शासक के वजीर की जागीर था गाजियाबाद, हिंडन नदी के किनारे पिकनिक मनाता था शाही परिवार

Ghaziabad: दिल्ली की सीमा से लगे एनसीआर में स्थित शहर गाजियाबाद को मुगलों से पुराना नाता है. हिंडन नदी के किनारे बसे इस शहर में आज भी आपको गुजरे जमाने की कई चीजें आपको देखने को मिल जाएंगी. इस शहर का नाम भी एक मुगल पर रखा गया है. यह उस मुगल वजीर की जागीर हुआ करता था. 

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Ghaziabad: भारत में मुगलों ने कई साल राज किया है. भारत के कई शहरों में आज भी आपको मुगलिया सल्तनत से जुड़ीं कई चीजें देखने को मिल जाएंगी. दिल्ली-एनसीआर में बसे उत्तर प्रदेश के शहर गाजियाबाद अपने 48 वर्ष पूरे कर चुका है. औद्योगिक नगर का रूप ले चुका यह शहर कभी एक मुगल वजीर की जागीर हुआ करता था. 

यह शहर हिंडन नदी के किनारे बसा हुआ है और इसी हिंडन नदी के किनारे मुगलों का शाही परिवार पिकनिक मनाने आता था. इस शहर का इतिहास काफी पुराना है. हालांकि साल 1976 से पहले यह मेरठ जिले की एक तहसील थी, बाद में इसे जिले का दर्जा दिया गया था. 

मुगलों के दौर में हुई थी इस नगर की स्थापना

गाजियाबाद की स्थापना 1740 में मुगल बादशाह मुहम्मद शाह के समय पर हुई थी. इतिहासकारों की मानें तो मुगलों का शाही परिवार हिंडन नदी के तट पर छुट्टियां बिताने और पिकनिक मनाने आया करता था. इस शहर मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ने अपने वजीर गाजीउद्दीन को जागीर को तौर पर दिया था. उन्होंने ही इसका नाम गाजीउद्दीन रखा था. इस कारण तब से इस शहर का नाम गाजीउद्दीन था. 

इस रोड पर की थी शहर की स्थापना

मुगल बादशाग मुहम्मद शाह के वजीर गाजीउद्दीन ने इस शहर की स्थापना कोलकाता से पेशावर तक जाने वाली ग्रैंड ट्रंक रोड पर की थी.इस रोड को शेरशाह सूरी ने बनवाया था. इस शहर का नाम गाजी-उद-दीन नगर रखा गया था. 

आज भी हैं मुगल सल्तनत के निशान

गाजियाबाद शहर में आज भी मुगलिया सल्तनत के निशान आपको देखने को मिल जाएंगे. यहां पर चार गेट, दिल्ली गेट, जवाहर गेट, डासना गेट और सिहरी गेट मौजूद हैं. इसके साथ ही आज भी यहां पर शहर के बीचोंबीच गाजीउद्दीन की जर्जर हो चुकी हवेली भी मौजूद है. यह जगहें आज भी बीते समय की याद दिलाती हैं. 

अंग्रेजों ने बदला था नाम

गाजियाबाद का नाम अंग्रेजों ने बदला था. गाजीउद्दीन नगर अंग्रेजों को काफी बड़ा नाम लगा था , इस कारण उन्होंने इसका नाम बदलकर गाजियाबाद कर दिया था.