Spider Twins Ultra Rare Case: इंडोनेशिया में 6 साल पहले यानी 2018 में 'स्पाइडर ट्विन्स' का जन्म हुआ था. जुड़वां बच्चे जन्म से ही आपस में जुड़े थे. दोनों बच्चों के 4 हाथ, तीन पैर और एक प्राइवेट पार्ट था. जुड़वां बच्चों की शारीरिक बनावट ऐसी थी कि वे बैठ भी नहीं पाते थे. अब डॉक्टरों ने उनके एक पैर को काटकर उन्हें बैठने लायक बनाया है. डॉक्टरों के मुताबिक, 20 लाख में एक ऐसा केस सामने आता है.
डॉक्टरों ने बताया कि दुनिया में ऐसे बच्चों की संख्या नाम मात्र की है. इंडोनेशियाई जुड़वां बच्चों का मामला इस सप्ताह एक अमेरिकी मेडिकल जर्नल में पब्लिश किया गया था. जुड़वां बच्चों के परिजन ने बताया कि बच्चे बैठने में असमर्थ थे और जीवन के पहले तीन साल तक वे सीधे लेटे रहते थे. अब डॉक्टरों ने बच्चों के एक पैर को काटकर उन्हें बैठने लायक बना दिया है.
इस तरह से जुड़े हुए बच्चों की जानकारी रखने वाले स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के मुताबिक, 50 हजरा से 2 लाख में एक ऐसा केस आता है. ऐसे बच्चों का जन्म तब होता है, जब फर्जिलाइजर एग्स डिवाइड होता है और दो भ्रूण में डेवलप होता है. मेयो क्लिनिक के अनुसार, प्रेग्नेंसी के लगभग 8 से 12 दिन बाद जुड़वां बनने के लिए भ्रूण की विकसित होने वाली विशिष्ट अंगों और उनकी बनावट में विकास होने लगता है. ऐसा माना जाता है कि ये प्रक्रिया समय से पहले समाप्त हो जाती है, जिसके कारण जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं.
हालांकि, एक अन्य सिद्धांत ये भी बताता है कि दो अलग-अलग भ्रूण विकास की शुरुआत में एक साथ जुड़ जाते हैं. महिला जुड़वां बच्चे पुरुषों से 3:1 अधिक भारी होते हैं और दो-तिहाई मामलों में कम से कम एक जुड़वां बच्चा या तो मर जाता है या मृत पैदा होता है.
इंडोनेशियाई जुड़वां बच्चों के मामले में डॉक्टरों ने बताया कि इनमें से एक बच्चे की किडनी पूरी तरह से विकसित नहीं थी. ऐसी स्थिति को बाईं किडनी हाइपोप्लेसिया कहा जाता है, जबकि दूसरे बच्चे की सिर्फ एक ही किडनी थी. जानकारी के मुताबिक, बच्चों के पैरेंट्स ने बताया कि हमारे दो बच्चे पहले से हैं, लेकिन उनमें कोई समस्या नहीं है और वे नॉर्मल बच्चों की तरह हैं. वहीं, बच्चों की मां ने भी कहा कि प्रेग्नेंसी के दौरान उन्हें कुछ भी अजीब महसूस नहीं हुआ.
1994 की एक रिपोर्ट में ऐसे जुड़वां बच्चों की जानकारी सामने आई थी. ये बच्चे 1989 में चीन में पैदा हुए थे. उनमें से प्रत्येक के दो हाथ, तीन पैर थे. लड़कों का प्राइवेट पार्ट भी एक ही था. डॉक्टरों ने उन्हें 1992 में अलग कर दिया जब वे सिर्फ दो साल से कुछ अधिक के थे. बच्चों को अलग करने वाले ऑपरेशन में करीब 10 घंटे लगे थे.
एक अन्य मामले की स्टडी सामने आई थी. 2011 में पाकिस्तान में जुड़वा बच्चे पैदा हुए थे. ये बच्चे शरीर के निचले आधे हिस्से में एक साथ जुड़े थे. इनमें से एक बच्चा काफी कमजोर था और उसका सिर भी दूसरे के मुकाबले छोटा था. इनका प्राइवेट पार्ट इतना विकसित नहीं था कि जेंडर का भी पता चल सके. दोनों बच्चों को अलग किया जाता, उससे पहले ही दोनों की मौत हो गई थी.