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AIMIM ने महागठबंधन से मिलाया हाथ, तेजस्वी-राहुल के सामने ओवैसी ने रखी ये बड़ी शर्त, जानिए फायदा होगा या पड़ेगी खटास

भाजपा की 'बी टीम' के नाम से मशहूर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने की इच्छा जताई है. एआईएमआईएम की बिहार इकाई के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान की मानें तो उन्होंने इस प्रस्ताव के साथ आरजेडी के तेजस्वी यादव से संपर्क किया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.

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Edited By: Reepu Kumari
Bihar elections 2025
Courtesy: Pinterest

Bihar elections 2025: ये राजनीति है भईया यहां कुछ भी हो सकता है. कौन कब किसका साथ छोड़ ये कोई नहीं जानता है. परत पर परत चढ़े हुए हैं. राजनीति की गढं माना जाने वाला बिहार अब यहां सियासी हलचल तेज हो गई है. इस हवा देने का काम किया है  AIMIM के चीफ  असदुद्दीन ओवैसी ने. बिजेपी के झटका देते हुए महागठबंधन में जाने का फैसला लिया है. लेकिन इसके लिए महागठबंधन को कुछ शर्तों को मानना होगा. भाजपा की 'बी टीम' के नाम से मशहूर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने की इच्छा जताई है. एआईएमआईएम की बिहार इकाई के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान की मानें तो उन्होंने इस प्रस्ताव के साथ आरजेडी के तेजस्वी यादव से संपर्क किया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है.

हालांकि, एक बड़े गठबंधन की संभावनाएं बनी हुई हैं, लेकिन इस बात को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या ओवैसी का इरादा वास्तव में एनडीए से कड़ी टक्कर लेने के लिए महागठबंधन का हिस्सा बनना है, या फिर यह भाजपा की 'बी टीम' के आरोपों को नजरअंदाज करने के लिए किसी भी गंभीरता से रहित एक आकस्मिक कदम है.

औवेसी ने तेजस्वी यादव को भेजा संदेश

एआईएमआईएम की बिहार इकाई ने हाल ही में राजद और कांग्रेस के कुछ विधायकों से संपर्क किया है ताकि दोनों दलों के शीर्ष नेताओं को ओवैसी की महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा के बारे में संदेश भेजा जा सके. हालांकि, अभी तक निर्णयकर्ताओं की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

बी टीम का टैग मिटाने का प्रयास?

हालांकि, अख्तरुल ईमान ने दृढ़ता से कहा कि अगर एआईएमआईएम का महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव नहीं होता है, तो पार्टी को आगामी चुनावों में राजद को नुकसान पहुंचाने के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, जैसा कि तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है, जिन्होंने ओवैसी को भाजपा की 'बी टीम' कहा है.

अख्तरुल ईमान ने कहा, 'हम पूरी ईमानदारी के साथ महागठबंधन का हिस्सा बनना चाहते हैं, लेकिन मैं यह संदेश भी देने की कोशिश करूंगा कि अगर कल राजद को चुनावी नुकसान होता है, तो वे हमें दोष न दें.'

उनकी टिप्पणियों से यह प्रस्ताव पूर्वी राज्य के मुस्लिम मतदाताओं को यह संदेश देने की एक राजनीतिक रणनीति की तरह प्रतीत होता है कि एआईएमआईएम गठबंधन चाहती थी, लेकिन उसे इससे दूर कर दिया गया.

बिहार के किशनगंज में अपने पिछले दौरे के दौरान ओवैसी ने कहा था कि उनकी पार्टी कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है और उनमें से कम से कम 24 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखेगी. यह तेजस्वी यादव को एक कड़ा संदेश था कि AIMIM नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखती है.

औवेसी ने तेजस्वी यादव को दी चुनौती
2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा और पांच सीटें जीतीं. पार्टी को 5,23,279 वोट (1.24%) मिले. हालांकि, कुछ महीनों बाद पार्टी के चार विधायक बगावत कर राजद में शामिल हो गए.

2020 के चुनावों में ओवैसी की पार्टी का प्रदर्शन शायद एक अहम वजह थी जिसकी वजह से आरजेडी राज्य में सरकार बनाने से चूक गई. एआईएमआईएम ने तेजस्वी यादव की पार्टी को खास तौर पर मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में भारी नुकसान पहुंचाया.