Aadhaar Card Verification: आधार कार्ड को शुरू में केवल पहचान का प्रमाण माना गया था, नागरिकता का नहीं. इसी वजह से पहले इसे बनवाना आसान था. इसके लिए ज्यादा जांच-पड़ताल नहीं होती थी. लेकिन अब सरकार ने इसे लेकर कई कड़े नियम बना दिए हैं. अब सिर्फ उन्हीं वयस्कों को नया आधार मिलेगा जिनकी पहचान वेरिफाई होगी.
UIDAI अब लोगों की जानकारी को ऑनलाइन डाटाबेस से चेक करेगा. इसमें पासपोर्ट, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र और 10वीं की मार्कशीट जैसे डॉक्यूमेंट्स को देखा जाएगा, जिससे आधार में कोई गड़बड़ी न हो और यह पूरी तरह से सुरक्षित और भरोसेमंद बना रहे. हालांकि, आधार कानून की धारा 9 के अनुसार, यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है. लेकिन अब जो नए तकनीकी बदलाव हो रहे हैं, उनका मकसद है कि सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही आधार मिले.
पिछले 15 सालों में 140 करोड़ से ज्यादा आधार कार्ड बन चुके हैं, जिनमें कई लोगों के भी हैं जो अब जीवित नहीं हैं. आज लगभग सभी वयस्कों के पास आधार है. अब बच्चों को भी जन्म के कुछ ही समय बाद आधार मिल रहा है. इसलिए सरकार ने वयस्कों के लिए आधार रजिस्ट्रेशन के नियम और कड़े कर दिए हैं.
फेक डॉक्यूमेंट्स के आधार पर अवैध रूप से भारत में रहने वाले लोग पहले आधार बनवा लेते थे. इसे रोकने के लिए अब राज्यों की जिम्मेदारी है कि वो पहचान की पूरी जांच करें और उसके बाद ही आधार बनाएं. एक अधिकारी ने बताया कि अब अवैध प्रवासियों के लिए आधार बनवाना बहुत मुश्किल हो गया है. यहां तक कि अगर कोई पुराने आधार का इस्तेमाल करके वोटर लिस्ट या नागरिकता के दस्तावेज लेने की कोशिश करे, तो भी यह आसान नहीं होगा.
UIDAI ने एक नई तकनीक भी विकसित की है जो अब आधार अपडेट या नए आवेदन के समय ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मनरेगा डिटेल्स और आगे चलकर बिजली बिल जैसे दस्तावेज भी चेक करेगी. यह प्रक्रिया पूरे देश में एक जैसी पहचान सुनिश्चित करेगी और फर्जीवाड़े को रोकेगी.