रूस में एक भयानक विमान हादसा हुआ है जिसने दुनियाभर को झकझोर दिया है. एक पुराना यात्री विमान, जो लगभग 50 साल पुराना बताया जा रहा है, रूस-चीन सीमा के पास टिंडा शहर की ओर जा रहा था, लेकिन रास्ते में रडार से गायब हो गया और बाद में उसका मलबा एक घने जंगल में मिला. इस दुर्घटना में किसी के बचने की उम्मीद नहीं बची. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर संवेदना जताई है और रूस के साथ खड़े होने का संदेश दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, 'रूस में हुई विमान दुर्घटना में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. पीड़ित परिवारों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं हैं. भारत रूस और उसके लोगों के साथ एकजुटता में खड़ा है.' यह संदेश ऐसे समय आया है जब रूस अपने इतिहास की एक और दर्दनाक विमान त्रासदी से गुजर रहा है.
यह विमान सिबेरिया स्थित एयरलाइन 'अंगारा' का था, जो खाबरोव्स्क से ब्लागोवेशचेंस्क और फिर टिंडा जा रहा था. उड़ान के दौरान यह विमान रडार से अचानक गायब हो गया. बाद में रूस की आपातकालीन सेवा ने हेलीकॉप्टर की मदद से उसका मलबा खोज निकाला, जिसमें धुआं उठता देखा गया. स्थानीय गवर्नर वासिली ऑरलोव ने पुष्टि की कि विमान में सवार सभी 49 लोग मारे गए हैं. उन्होंने इस हादसे को "एक भयानक त्रासदी" बताया.
रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, यह हादसा लैंडिंग के दौरान पायलट की गलती से हुआ. वहीं, मौसम की खराब स्थिति भी एक अहम कारण मानी जा रही है. दुर्घटना के समय इलाके में दृश्यता बहुत कम थी और तेज हवाएं चल रही थीं. इसके अलावा यह भी सामने आया है कि विमान लगभग 50 साल पुराना था, जो उसकी तकनीकी स्थिति पर भी सवाल खड़े करता है.
रूसी आपातकालीन मंत्रालय ने जानकारी दी कि उनका Mi-8 हेलीकॉप्टर विमान के जलते हुए ढांचे तक पहुंचने में सफल रहा. मलबा जंगल के एक घने हिस्से में मिला, जहां पहुंचना बेहद कठिन था. हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया था, लेकिन विमान पूरी तरह जल चुका था और कोई भी जीवित नहीं मिला. सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों में मलबे से धुआं उठता और चारों तरफ जले हुए हिस्से नजर आ रहे हैं.