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पहली बार नौकरी करने वालों के लिए गुड न्यूज, 1 अगस्त से शुरू हो रही ELI योजना, लाभ उठाना है तो जान लें डिटेल

विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से युवाओं को नौकरी में टिके रहने की प्रेरणा मिलेगी और संगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. अगर सरकार इसे सही तरीके से लागू करती है, तो ये योजना भारत में स्थायी रोजगार के निर्माण में अहम रोल निभा सकती है.

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Edited By: Reepu Kumari
ELI Scheme
Courtesy: Pinterest

ELI Scheme: अगर आप पहली बार किसी कंपनी में नौकरी करने जा रहे हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. सरकार 1 अगस्त से Employment Linked Incentive (ELI) योजना शुरू करने जा रही है, जिसमें पहली बार संगठित क्षेत्र में नौकरी करने वालों को ₹15,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह योजना खासकर युवाओं को रोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से लाई जा रही है. साथ ही, इससे कंपनियों को भी नए कर्मचारियों की भर्ती में फायदा मिलेगा.

इस योजना का फायदा उठाने के लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं. सबसे अहम बात ये है कि इस स्कीम का फायदा वही लोग ले सकेंगे जिनकी सैलरी ₹1 लाख प्रति माह तक है. हालांकि, अब तक ये साफ नहीं है कि ये ₹1 लाख CTC (यानि कंपनी की कुल लागत) पर आधारित होगी या फिर आपके हाथ में आने वाली सैलरी (Net Salary) पर. इसके अलावा, इस योजना का लाभ पाने के लिए आपको एक वित्तीय साक्षरता परीक्षा भी पास करनी होगी.

पहली नौकरी करने वालों को कैसे मिलेगा लाभ?

सरकार ₹15,000 की मदद दो किस्तों में देगी. पहली किस्त तब मिलेगी जब आप अपनी नौकरी में 6 महीने पूरे कर लेंगे. दूसरी किस्त एक साल यानी 12 महीने पूरे करने के बाद दी जाएगी. अगर आपने बीच में नौकरी छोड़ दी या दूसरी कंपनी जॉइन कर ली, तो आपको सिर्फ आधी राशि यानी ₹7,500 ही मिलेगी.

कंपनियों को भी मिलेगा फायदा

ELI योजना के तहत सिर्फ कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि कंपनियों को भी फायदा मिलेगा. हर नए कर्मचारी की भर्ती पर कंपनी को ₹3,000 प्रति माह तक का प्रोत्साहन मिलेगा और ये लाभ दो साल तक जारी रहेगा. हालांकि, इसके लिए शर्त ये है कि कर्मचारी कम से कम 6 महीने तक कंपनी में काम करे.

अगर नौकरी छोड़ दी तो?

अगर आप 12 महीने से पहले नौकरी बदलते हैं तो दूसरी किस्त नहीं मिलेगी. लेकिन अगर आप पूरी निष्ठा से अपनी पहली नौकरी में एक साल पूरा करते हैं, तो ₹15,000 की पूरी रकम आपकी होगी.

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना से युवाओं को नौकरी में टिके रहने की प्रेरणा मिलेगी और संगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. अगर सरकार इसे सही तरीके से लागू करती है, तो ये योजना भारत में स्थायी रोज़गार के निर्माण में अहम रोल निभा सकती है.