Israel Airstrike on Iran: मिडिल ईस्ट में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है, जब इजरायल ने ईरान पर दशकों में अपने सबसे बड़े हवाई हमले किए. इन हमलों में ईरान के सैन्य ठिकानों और परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया गया. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने ईरान को 60 दिन का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई.
बता दें कि शुक्रवार तड़के इजरायली लड़ाकू विमानों और ड्रोनों ने ईरान के प्रमुख सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमला किया. इस ऑपरेशन को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' का नाम दिया. हमलों में ईरान के छह शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों और कई वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की मौत हो गई.
इजरायल के हमलों के कुछ घंटों बाद, ईरान ने जवाबी कार्रवाई की. ईरान ने तेल अवीव और यरुशलम सहित इजरायल के शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया. ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कहा कि उन्होंने इजरायल के सैन्य हवाई अड्डों और हथियार उत्पादन केंद्रों को निशाना बनाया. एक ईरानी अधिकारी ने कहा, "हर कोई इसका असर महसूस करेगा," और चेतावनी दी कि अगर कोई अन्य देश इजरायल का साथ देता है, तो उसके क्षेत्रीय ठिकानों पर भी हमले हो सकते हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों की प्रशंसा की और इसे "शानदार" बताया. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "दो महीने पहले मैंने ईरान को 60 दिन का अल्टीमेटम दिया था कि वे समझौता करें. आज 61वां दिन है. मैंने उन्हें चेतावनी दी थी लेकिन वे तैयार नहीं हुए. अब उनके पास शायद दूसरा मौका है!"
Two months ago I gave Iran a 60 day ultimatum to “make a deal.” They should have done it! Today is day 61. I told them what to do, but they just couldn’t get there. Now they have, perhaps, a second chance! (TS: 13 Jun 11:34 UTC)
— Trump Truth Social Posts On X (@TrumpTruthOnX) June 13, 2025
उन्होंने आगे कहा, "हमने उन्हें मौका दिया, लेकिन वे नहीं माने. अब उन्हें भारी नुकसान हुआ है, और अभी और होगा." दूसरी ओर, ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, जैसे विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ने अमेरिका की संलिप्तता से इनकार किया है. ट्रंप ने एक दिन पहले ही ईरान के साथ शांतिपूर्ण कूटनीतिक समाधान की बात भी कही थी, जिससे उनकी नीति को लेकर असमंजस की स्थिति बन गई है.