India-Pak situation: संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को कहा कि अमेरिका पाकिस्तान और भारत के बीच हर दिन क्या हो रहा है, इस पर नजर रखता है. रुबियो यूक्रेन में युद्ध के संबंध में युद्धविराम की चुनौतियों के बारे में बोल रहे थे इस दौरान उन्होंने ने कहा कियुद्धविराम का एकमात्र तरीका यह है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गोलीबारी बंद करने पर सहमत हों.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि युद्धविराम तक पहुंचने के अलावा, एक और जटिलता उसे बनाए रखना है और यह बहुत मुश्किल है. रुबियो ने कहा, हम हर दिन इसपर नजर रखते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच चल रहा है, कंबोडिया और थाईलैंड के बीच क्या हो रहा है.
एनबीसी न्यूज़ मीट द प्रेस को दिए एक साक्षात्कार में रुबियो ने कहा कि युद्धविराम बहुत जल्दी टूट सकते हैं और कहा कि यह विशेष रूप से तब प्रासंगिक है जब बात साढ़े तीन साल से चल रहे युद्ध (यूक्रेन में) की हो. रुबियो ने कहा कि इसलिए अमेरिका स्थायी युद्धविराम का लक्ष्य नहीं रख रहा है, बल्कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते की तलाश में है.
हमारा लक्ष्य एक शांति समझौते पर
रुबियो ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस बात से असहमत होगा कि यहां आदर्श, जिसका हम लक्ष्य रख रहे हैं, वह कोई स्थायी युद्धविराम नहीं है. हमारा लक्ष्य एक शांति समझौते पर है जिससे न तो अभी युद्ध हो और न ही भविष्य में कोई जंग हो पाए.
पाकिस्तान के बीच संघर्ष का किया जिक्र
रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का भी ज़िक्र किया और कहा कि मुझे लगता है कि हम बहुत भाग्यशाली और धन्य हैं और हमें एक ऐसे राष्ट्रपति के लिए आभारी होना चाहिए जिसने शांति और शांति की प्राप्ति को अपने प्रशासन की प्राथमिकता बनाया है. हमने इसे कंबोडिया और थाईलैंड में देखा है. हमने इसे भारत-पाकिस्तान में भी देखा है, रुबियो ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अतीत में कई बार किए गए एक दावे को दोहराते हुए कहा.
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कहा था कि किसी भी देश के नेता ने भारत से ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा था. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ युद्धविराम समझौते में किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं था.