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India Daily

RCB की जीत पर जश्न मनाने का फैसला किसने लिया? बेंगलुरु भगदड़ हादसे पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार से पूछे 9 सवाल

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सी. एम. जोशी की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान याचिका के तहत गुरुवार को ये सवाल उठाए और 10 जून तक जवाब मांगा.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Karnataka High Court asks 9 questions to the government on Bengaluru stampede accident

कर्नाटक हाईकोर्ट ने बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में बुधवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL जीत के उत्सव के दौरान हुए भगदड़ में 11 लोगों की मौत पर कांग्रेस सरकार से नौ सवाल पूछे हैं. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सी. एम. जोशी की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान याचिका के तहत गुरुवार को ये सवाल उठाए और 10 जून तक जवाब मांगा. प्रमुख सवालों में शामिल हैं: “विजय उत्सव का फैसला किसने लिया? कब और कैसे? क्या आयोजन के लिए अनुमति ली गई? क्या 50,000 से अधिक भीड़ वाले खेल आयोजनों के लिए कोई मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाई गई?”

यही नहीं कोर्ट ने और भी कई महत्वपूर्ण सवाल दागे. जैसे...

कोर्ट ने पूछा:  

  • ट्रैफिक नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए गए?  
  • भीड़ प्रबंधन के लिए क्या व्यवस्था थी?  
  • आयोजन स्थल पर चिकित्सा सुविधाएं क्या थीं?  
  • भीड़ की संख्या का आकलन पहले किया गया था?  
  • घायलों को तत्काल चिकित्सा दी गई? यदि नहीं, तो क्यों?  
  • घायलों को अस्पताल पहुंचाने में कितना समय लगा?

हादसे की पृष्ठभूमि
कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने 3 जून को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की उपस्थिति में विधान सौधा में RCB खिलाड़ियों के सम्मान समारोह के लिए अनुमति मांगी थी. DPAR ने 4 जून को 16 शर्तों के साथ अनुमति दी. हालांकि, बेंगलुरु पुलिस ने विधान सौधा से स्टेडियम तक विजय परेड की अनुमति नहीं दी. फिर भी, RCB ने 4 जून सुबह 7:01 बजे परेड की घोषणा कर दी, जिससे प्रशंसकों में उन्माद फैल गया. KSCA ने 10:30 बजे मीडिया को सूचित किया कि विधान सौधा में 4 बजे सम्मान समारोह, 5 बजे परेड और 6 बजे स्टेडियम में आयोजन होगा. 

सरकारी कार्रवाई
हादसे के बाद, कर्नाटक सरकार ने 6 जून को बेंगलुरु पुलिस आयुक्त सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया. सरकार ने न्यायमूर्ति जॉन माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में न्यायिक जांच और बेंगलुरु क्षेत्र के उपायुक्त द्वारा मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया.