दिल्ली सरकार के बजट 2025-26 में घोषित सीएम श्री स्कूल जैसे ही दाखिले के लिए खुले, कुछ ही दिनों में यहां आवेदन का आंकड़ा 50 हजार पार कर गया. यह अप्रत्याशित उत्साह सरकार के लिए चुनौती और अवसर दोनों है. आंकड़े बताते हैं कि शिक्षा के नए मॉडल ने अभिभावकों के बीच भरोसा और उत्सुकता दोनों पैदा कर दी है.
शिक्षा विभाग के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक अब तक कक्षा 6 के लिए करीब 15 हजार आवेदन आए हैं. कक्षा 7 के लिए भी 15 हजार से ज्यादा आवेदन मिले हैं, जबकि कक्षा 8 के लिए यह संख्या 20 हजार पार कर चुकी है. यह रुझान बताता है कि इन स्कूलों में दाखिला पाने की होड़ किस स्तर पर है. महज एक हफ्ते के भीतर यह रिकॉर्ड संख्या सरकार के लिए व्यवस्थागत चुनौती भी बन गई है.
सीएम श्री स्कूलों की सबसे बड़ी खासियत है उनकी आधुनिक और तकनीक आधारित सुविधाएं. यहां स्मार्ट क्लासरूम, एआई से लैस लाइब्रेरी, एआर-वीआर टूल्स, बायोमैट्रिक अटेंडेंस सिस्टम और रोबोटिक्स लैब जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. साथ ही, पर्यावरण अनुकूल बुनियादी ढांचा भी इन स्कूलों की विशेषता है. आमतौर पर ये सुविधाएं महंगे निजी स्कूलों में देखने को मिलती हैं, लेकिन अब सरकारी स्कूलों में इन्हें उपलब्ध कराने से अभिभावकों का भरोसा और आकर्षण दोनों बढ़ा है.
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इस भारी प्रतिक्रिया को 'असाधारण' बताया. उन्होंने कहा कि दाखिला प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रखी जाएगी और किसी भी अभिभावक या छात्र को असुविधा नहीं होने दी जाएगी. इसके साथ ही सरकार इस पर भी ध्यान दे रही है कि बढ़ती मांग के अनुरूप सिस्टम पर दबाव न पड़े और सभी बच्चों को समान अवसर मिले.
अभिभावक इस पहल को शिक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव मान रहे हैं. उनका कहना है कि निजी स्कूलों की तुलना में बिना भारी-भरकम फीस दिए बच्चों को उच्चस्तरीय शिक्षा मिलना बड़ी राहत है. कई माता-पिता मानते हैं कि यह कदम आने वाली पीढ़ियों को तकनीक-आधारित शिक्षा की ओर ले जाएगा और बच्चों का भविष्य मजबूत करेगा.