भारतीय सुरक्षा बलों की वीरता और शौर्य की मिसाल 'ऑपरेशन सिंदूर' अब स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेगी. एनसीईआरटी (NCERT) तीसरी से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए एक विशेष शैक्षणिक मॉड्यूल तैयार करने की योजना बना रही है. इस मॉड्यूल के माध्यम से छात्रों को भारत की रक्षा नीति, सैन्य कार्रवाई और कूटनीतिक रणनीति को सरल और प्रभावी ढंग से समझाया जाएगा.
इस निर्णय का व्यापक स्वागत हो रहा है. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने एनसीईआरटी के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि इससे बच्चों में देशभक्ति की भावना मजबूत होगी और वे देश की सुरक्षा से जुड़ी वास्तविक परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे.
अंबाला से रिएक्शन देते हुए मंत्री अनिल विज ने कहा, "एनसीईआरटी का यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है. ऑपरेशन सिंदूर जैसे वीरता से भरे मिशन को हमारे बच्चों को शुरू से जानना चाहिए. ऑपेरशन सिंदूर के माध्यम से जिस प्रकार हमने पाकिस्तान के दांत खट्टे किए हैं, जिस तरह से हमारे सैनिकों ने आतंकियों के अड्डे उड़ा कर पाकिस्तान को जवाब दिया, वह आज के युवाओं को प्रेरित करेगा." उन्होंने आगे कहा कि, "हमारी नई पीढ़ी को यह जानना जरूरी है कि किस तरह से देश ने आतंक के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की."
सूत्रों के अनुसार, एनसीईआरटी द्वारा तैयार किए जा रहे इस मॉड्यूल को दो हिस्सों में विभाजित किया जाएगा. पहला भाग कक्षा 3 से 8 के छात्रों के लिए होगा, जबकि दूसरा भाग 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा. मॉड्यूल में भारत की जवाबी रणनीति, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल को विस्तार से समझाया जाएगा.
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जवाबी कार्रवाई की थी. इस ऑपरेशन में दर्जनों आतंकियों के मारे जाने की खबर सामने आई थी. इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमलों की कोशिश की, लेकिन भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने सभी प्रयासों को विफल कर दिया. जवाब में भारत ने और भी सख्त हवाई हमले किए, जिनका असर अब भी पाकिस्तान पर देखा जा रहा है.
इस मुद्दे को लेकर संसद के मानसून सत्र में विपक्ष लगातार सरकार से सवाल कर रहा है. सरकार की ओर से सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा की घोषणा की गई है. लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे की इस चर्चा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के शामिल होने की संभावना है.