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Rwanda Plan: जो मांग रहा शरण, उसे रवांडा भिजवा देंगे ऋषि सुनक, समझिए क्या है UK का प्लान

Britain Rwanda Plan: हाल ही में यूके की संसद ने रवांडा प्लान को मंजूरी दे दी है जिसके तहत अवैध शरणार्थियों को रवांडा भेजा जाएगा. इसके लिए हवाई जहाज भी तैयार किए जा रहे हैं.

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Courtesy: India Daily Live

यूनाइटेड किंगडम समेत कई पश्चिमी देशों के सामने शरणार्थियों की समस्या बहुत पुरानी है. अब ऋषि सुनक की अगुवाई वाली ब्रिटेन सरकार ने अवैध प्रवासियों को रवांडा भेजने की तैयारी कर ली है. ब्रिटेन की संसद ने रवांडा प्लान को पास कर दिया है जिसके तहत हजारों शरणार्थियों को रवांडा भेजने का रास्ता साफ हो गया है. ब्रिटेन में हर साल फ्रांस के रास्ते इंग्लिश चैनल पार करके हजारों शरणार्थी अवैध तरीके से आ जाते हैं. 2022 में इस तरह के अवैध शरणार्थियों की संख्या 46 हजार तक पहुंच गई थी.

यूनाइटेड किंगडम की संसद के उच्च सदन यानी हाउस ऑफ लॉर्ड्स ने 22 अप्रैल को सेफ्टी ऑफ रवांडा बिल पास किया है. इससे पहले, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक कई बार कह चुके हैं कि छोटी नावों के जरिए आने वाले अवैध प्रवासियों के प्रवेश को रोकने की सख्त आवश्यकता है. अब यूके की सरकार का कहना है कि 1 जनवरी 2022 के बाद फ्रांस या उसके जैसे किसी भी दूसरे देश के रास्ते यूके में अवैध रूप से घुसने वाले लोगों को रवांडा भेजा जा सकेगा. इन लोगों को शरण देने की प्रक्रिया भी यूके के बजाय रवांडा में ही होगी. अगर वे योग्य पाए जाते हैं तो उन्हें वहीं पर शरणार्थी का दर्जा दे दिया जाएगा.

ऐसे लोग अगर शरणार्थी का दर्जा पाने की योग्यता पूरी नहीं कर पाते हैं तो वे रवांडा में बसने के लिए अन्य तरीके से आवेदन कर सकते हैं और वहां शरण ले सकते हैं. वहां शरण न लेने वाले लोग यूके लौटने के लिए आवेदन कर सकते हैं. ऐसे में यूके में रह रहे अवैध प्रवासियों को रवांडा पहुंचाने के लिए ऋषि सुनक सरकार कमर्शियल प्लेन तैयार कर रही है जिसमें बिठाकर लोगों को रवाना किया जाएगा.

कितने लोग जाएंगे रवांडा?

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूके में इस तरह के कुल 52 हजार से ज्यादा लोग हैं जिन्हें रवांडा भेजने के बारे में विचार किया जा रहा है. ऐसे शरणार्थियों को रवांडा पहुंचाने के लिए पहली उड़ान जून 2022 में होने वाली ती लेकिन कानूनी पचड़ों के चलते यह संभव नहीं हो सका. आखिरकार अब लगभग दो साल बाद एक बार फिर रवांडा के लिए फ्लाइट तैयार हो रही हैं. इसके लिए यूके ने जबरदस्त तैयारी भी की है. ऋषि सुनक के मुताबिक, किसी भी तरह की कानूनी समस्या से निपटने के लिए 25 अदालतें और 150 जज तैयार हैं. साथ ही, 500 प्रशिक्षित कर्मचारी भी हैं जो अवैध प्रवासियों को रवांडा पहुंचाने का काम करेंगे.

दरअसल, इस योजना पर यूके की कोर्ट ने सवाल भी खड़े किए थे और इसे गैरकानूनी करार दिया था. ऐसे में अलग से कानून बनाकर इन लोगों को रवांडा भेजने की तैयारी की जा रही है. नए कानून के तहत अदालतों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मानवाधिकार कानून की मुख्य धाराओं को नजरअंदाज करें. साथ ही, यूके की सरकार ने रवांडा के साथ एक नया प्रवासी समझौता भी किया है जिसके तहत रवांडा भेजे जाने वाले लोगों को वहां से उनके मूल देश नहीं भेजा जाएगा.

यूके क्यों आते हैं लोग?

दुनिया के कई देशों में युद्ध, गरीबी, भुखमरी और रोजगारी की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इंग्लिश चैनल पार करते हैं और यूके पहुंचते हैं. ज्यादातर लोग फ्रांस के रास्ते यहां छोटी-छोटी नाव से आते हैं और कई बार रास्ते में ही डूब जाने से उनकी मौत भी हो जाती है. ब्रिटिश नेशनलिटी एंड बॉर्डर्स एक्ट कहता है कि देश में सिर्फ उन्हें ही शरण मिल सकती है जो कानूनी तरीके से यूके आए हों और यूरोप के किसी देश के निवासी हैं.

रवांडा ही क्यों?

इन लोगों को रवांडा में बसाने और ब्रिटेन को शरणार्थियों से मुक्त करने के लिए यूके ने रवांडा के साथ समझौता किया है. इसके तहत, अपेक्षाकृत गरीब देश रवांडा को 12 करोड़ पाउंड दिए जाएंगे. इन पैसों से शरणार्थियों के लिए घर और काम का बंदोबस्त किया जाएगा. दरअसल, बीते कुछ सालों में रवांडा में लाखों शरणार्थी बसें हैं. साल 2021 के आखिर तक कॉन्गो और बुरुंडी के 1,27,00 से ज्यादा शरणार्थी रवांडा में रह रहे थे. इसमें 76 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं और बच्चे थे.

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