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कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को अपना बता गया नेपाल, समझिए क्या है 100 रुपये के नोट वाला विवाद

India Nepal Controversy: भारत और नेपाल एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं. इस बार 100 रुपये के नोट पर छपा नेपाल का नक्शा वजह बना है.

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India Daily Live
Nepal Note
Courtesy: Social Media

पड़ोसियों के बीच जमीन का विवाद हमेशा चलता रहता है. रिहायशी जमीन हो या खेत हो, हर समय मेढ़ या बाउंड्री लेकर कुछ न कुछ चलता ही रहता है. कमोबेश यही हाल भारत और नेपाल के रिश्तों का है. भारत और नेपाल के बीच सीमा के आसपास कुछ ऐसी जगहें है जिनको लेकर कई बार विवाद हो चुका है. अब नेपाल ने एक और विवाद छेड़ दिया है. 100 रुपये के नोट पर नेपाल ने एक ऐसा नक्शा छपवाया है जिसमें भारत की कुछ जगहों को उसने अपना बता दिया. नेपाल के नक्शे में लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी क्षेत्र को दिखाए जाने पर भारत ने सख्त नाराजगी जाहिर की है क्योंकि भारत इन जगहों को अपना मानता है.

इस बारे में नेपाल सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने कैबिनेट के फैसले का हवाला दिया है. उन्होंने बताया, 'पीएम पुष्पकमल दहल प्रचंड की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग हुई और नया नक्शा छापने का फैसला लिया गया. इसी के मुताबिक, 100 रुपये के बैंक नोट पर कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को शामिल किया गया है. 25 अप्रैल और 2 मई को हुई मीटिंग के दौरान 100 रुपये के बैंक नोट को फिर से डिजाइन करने और इन पर छपने वाले नक्शे को बदलने का फैसला लिया गया है.'

भारत ने क्या कहा?

भारत ने नेपाल की इस हरकत पर सख्त प्रतिक्रिया दी है. भारत ने इसे 'एकतरफा अधिनियम' करार दिया है. दरअसल, भारत लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा पर अपना अधिकार रखता है. भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद नया नहीं है. बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, सिक्किम और पश्चिम बंगाल में 1850 किलोमीटर से ज्यादा सीमा साझा होने के कारण दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर अक्सर विवाद सामने आते रहते हैं.

बता दें कि भारत और नेपाल की करेंसी में जमीन-आसमान का अंतर है. नेपाल के 100 रुपये की कीमत भारत में सिर्फ 62 पैसे है. भारत और नेपाल के बीच सीमा को लेकर सुगौली संधि हुई थी. यह संधि साल 1816 में नेपाल और ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी. इसी के आधार पर दोनों देशों की सीमाएं तय की गई थीं. इसके बाद कई अन्य समझौते भी हुए जिन्होंने इसे और विस्तार से समझाया. हालांकि, गाहे-बगाहे नेपाल ने कई बार ऐसी हरकतें की हैं जिनके चलते दोनों देश आमने-सामने आ गए हैं.

दरअसल, लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख इलाके नेपाल और उत्तराखंड की सीमा के पास हैं. लंबे समय से भारत इन्हें अपना हिस्सा मानता है. हालांकि, नेपाल भी इन जगहों को लेकर दावा ठोंकता रहा है. यह विवाद कोई पहली बार सामने भी नहीं आया है. साल 2020 में ही नेपाल की सरकार ने इसको लेकर जो बातें कही थीं भारत ने उस पर भी सख्त नाराजगी जताई थी.