menu-icon
India Daily

इस महिला ने किया ऐसा कांड कि हो गई 760 साल की जेल, 7 जन्मों में भी नहीं काट पाएगी सजा

America Crime News:  अमेरिका में एक नर्स ने मरीजों को ऐसा सताया कि कोर्ट ने उसे 760 साल की सजा सुना दी. नर्स की वजह से कई मरीजों की मौत हो गई थी.

India Daily Live
America NEws

America Crime News: अमेरिका की एक नर्स ने ऐसा कांड किया उसे इतने साल की सजा मिल गई कि वह सजा को साज जन्मों में भी नहीं पूरी कर सकती. दरअसल, पेंसिल्वेनिया की रहने वाली 41 साल की नर्स हीथर प्रेसडी को रोगियों को इंसुलिन की घातक या संभावित घातक खुराक देने के आरोप में दोषी पाया गया और कोर्ट ने उन्हें 380 से 760 साल के लिए सजा सुनाई गई. ये सजा तीन आजीवन कारावास के रूप में सुनाई गई है. क्योंकि उन्हें तीन लोगों की हत्या समेत अन्य मामलों में दोषी पाया गया. इसी कारण उन्हें तीन अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई गई है.

बीते गुरुवार को कोर्ट ने उन्हें आजीवन जेल की सजा सुनाई है. तीन बार लगातार आजीवन जेल की सजा मिलने से पूरे यूएस में उनकी चर्चा हो रही है. लोग कह रहे हैं कि ये महिला अपने गुनाहों की सजा अपने सात जन्मों में नहीं पूरा कर सकती है.

3 मामलों में सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा 

केस की सुनवाई पिट्सबर्ग से लगभग 48 किलोमीटर उत्तर में बटलर काउंटी की एक अदालत में पूरी हुई. अभियोजक पक्ष की ओर से कहा गया कि हीथर प्रेसडी ने 2020 से 2023 के बीच 17 मरीजों के मौत में शामिल थी. जो चार अलग-अलग देशों में रहते थे. पीड़ितों की उम्र 43 से 104 साल के बीच की थी.

नर्स हीथर प्रेसडी के अन्य सहयोगी उसके काम को लेकर उससे सवाल करते थे. इसके बावजूद हीथर अपने पेशेंट्स से गलत तरीके से व्यवहार करती थी. वह अपमान करके उनसे गलत तरीके से बात किया करती थी.

अभियोजक पक्ष ने कहा कि नर्स हीथर ने 22 मरीजों को इंसुलिन की अत्यधिक डोज दी, जिसमें से कुछ पेशेंट डायबिटीज  के मरीज भी थे.

जानबूझकर करती थी नाइट ड्यूटी 

आरोपी नर्स जानबूझकर अपनी ड्यूटी रात में लगवाती थी. क्योंकि रात के समय मरीजों को इंसुलिन की डोज देती थी. नर्स को पता होता था कि अस्पताल में स्टाफ कम है ऐसे में मरीजों को तुरंत चिकित्सा सेवा नहीं उपलब्ध कराई जा सकती है.

बहुत से मरीजों इंसुलिन की ओवर डोज के चलते कुछ ही दिनों में मर गए. कुछ की थोड़े दिनों बाद मृत्यु हो गई. पिछले साल हीथर का नर्सिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया था.