Brazil Flood Deadly Rains: ब्राजील में बाढ़ और तेज बारिश से हाहाकार मचा हुआ है. रियो ग्रांडे डो सुल में हुई तेज बारिश के बाद आई बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है. चारों ओर भयानक तबाही का मंजर दिख रहा है. अधिकारी बाढ़, बारिश और भूस्खलन के इस कहर को ब्राजील के इतिहास की सबसे भयानक आपदा बता रहे हैं.
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने 37 लोगों के अब तक मरने की पुष्टि की है. साथ ही 74 लोगों के लापता होने की भी जानकारी दी है. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में ढहे हुए घरों, पुलों और सड़कों के मलबे दिख रहे हैं. मलबों, क्षतिग्रस्त घरों और ढहे हुए पुलों के बीच राहत अभियान चलाया जा रहा है. गवर्नर एडुआर्डो लेइट ने आपातकाल की स्थिति की घोषणा की है.
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, गवर्नर लेइट ने अफसोस जताते हुए कहा कि हम इतिहास में सबसे खराब आपदा से निपट रहे हैं. इस गंभीर वास्तविकता को स्वीकार करते हुए कि बचाव प्रयास जारी रहने के कारण मरने वालों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है. उधर, राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डी सिल्वा ने प्रभावित क्षेत्र के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया और कहा कि बिगड़े हुए मौसम के बीच प्रभावितों की समस्याओं और परेशानियों को कम करने के लिए किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रखी जाएगी.
बचाव और राहत कार्यों में मदद के लिए 626 सैनिकों के साथ 12 विमानों, 45 वाहनों और 12 नौकाओं को तैनात करके सहायता पहले ही जुटाई जा चुकी है. सड़कों को साफ करने, भोजन, पानी और गद्दे जैसी आवश्यक आपूर्ति वितरित करने और विस्थापित व्यक्तियों के लिए शेल्टर होम बनाने पर फोकस किया गया है.
पूर्वानुमानकर्ताओं ने आगे खतरे की चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा कि गुइबा नदी खतरनाक स्तर तक पहुंचने की आशंका है, जिससे मौजूदा संकट और बढ़ जाएगा. फिलहाल, प्रभावित इलाके के लोगों का दूसरे इलाकों से संपर्क टूट गया है. लगातार बारिश के कारण बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान हुआ है.
गंभीर स्थिति ने अधिकारियों को प्रभावितों से नदियों और भूस्खलन की आशंका वाली पहाड़ियों के पास वाले क्षेत्रों को खाली करने का आग्रह किया है. कहा जा रहा है कि प्रभावित इलाकों में पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधा ठप हो गई है, जिससे सैकड़ों हजारों लोग अपने रोज के कामों को पूरा करने में असमर्थ हैं.