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जंग के बाद पुतिन का बढ़ा क्रेज, फेल हो गए पश्चिम के सारे दांव!

Russia News: रूस में तीन दिवसीय राष्ट्रपति चुनावों में जनता बड़ी संख्या में बढ़-चढ़कर भाग ले रही है. पश्चिमी देशों के किसी प्रतिबंध का असर रूस पर नहीं पड़ा है.

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Russia News: यूक्रेन से जंग के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन की लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल हुआ है. इसका प्रमाण रूस में शुरु हुए राष्ट्रपति चुनावों में दिख रहा है. चुनाव में पुतिन को लेकर अभूतपूर्व समर्थन देखा जा रहा है. रूस में 15 से 17 मार्च तक राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होगा. समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के अनुसार, साउथ मॉस्को की एक महिला ने कहा कि पुतिन ने रुस को पश्चिमी देशों के खिलाफ खड़ा किया है. मैं उनका समर्थन करती हूं और उन्हें ही वोट करूंगी. 

महिला ने कहा कि रूस पश्चिमी देशों और यूक्रेन को युद्ध में हरा देगा. पश्चिम के देश पुतिन को एक खलनायक के रूप में देखते हैं. वे उन्हें वॉर क्रिमिनल और हत्यारे के रूप में प्रदर्शित करते हैं. बाइडन ने भी पिछले महीने पुतिन के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. लेकिन हालिया सर्वे बताते हैं कि यूक्रेन के साथ जंग के बाद पुतिन की लोकप्रियता में भारी बढ़ोत्तरी हुई है. इससे पुतिन की सत्ता पर पकड़ और भी ज्यादा मजबूत हुई है. 

राष्ट्रपति मुख्यालय क्रेमलिन के एक अधिकारी ने कहा कि पुतिन का कोई प्रतिद्वंद्वी नही है. रूस की लगातार आलोचना और उस पर प्रतिबंध लगाकर पश्चिमी देशों ने बड़ी गलती की है. इससे रूसी जनता का बड़ा वर्ग पुतिन के साथ खड़ा हो गया है.  पुतिन ने फरवरी 2022 में यूक्रेन के खिलाफ आक्रमण की घोषणा की थी.  रूसी सर्वे सेंटर लेवाडा सेंटर के मुताबिक, पुतिन की अप्रूवल रेटिंग 86 फीसदी है. यूक्रेन के साथ जंग से पहले यह रेटिंग 71 फीसदी ही थी. 

रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन की रेटिंग 2008 में जॉर्जिया के साथ युद्ध और 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के बाद भी बढ़ी थी. रूसी मीडिया पुतिन को एक मजबूत नेता और बाइडन जैसे पश्चिमी देशों के नेताओं को कमजोर बता रही है.  

यूक्रेन पर हमले के बाद वेस्टर्न कंट्रीज ने बड़े पैमाने पर रूस पर प्रतिबंध लगाए. पश्चिम के प्रतिबंधों का असर रूस के ऊपर नहीं दिखा है. बीते साल रूस की अर्थव्यवस्था में 3.6 फीसदी का उछाल आया है. हालांकि रूस में श्रमिकों और निवेश की कमी और घटती जनसंख्या को देखा जा रहा है.