Pakistan Crisis: पाकिस्तान एक बड़े जीओपोलिटिकल संकट की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है. बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने देश की अखंडता को सीधी चुनौती देते हुए बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा पर कब्ज़ा जमा लिया है. बीते कुछ दिनों में BLA ने लगातार पाकिस्तानी सेना पर जोरदार हमले किए हैं, जिससे वहां की सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई है.
क्वेटा में BLA की एंट्री, पाक सेना बैकफुट पर
सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार देर रात BLA के लड़ाके क्वेटा में घुस गए और कई अहम ठिकानों पर कब्ज़ा कर लिया. इसके पहले दिन में BLA ने एक बार फिर सेना के काफिले पर हमला किया और बड़ा नुकसान पहुंचाया. इससे पहले भी उन्होंने एक सैन्य वाहन पर हमला कर 20 जवानों को ढेर कर दिया था.
कैदियों को छुड़ाया, सात सैनिक मार गिराए
बता दें कि एक अन्य बड़ी घटना में BLA ने पाक सेना द्वारा ले जाए जा रहे कैदियों को छुड़ा लिया और मौके पर ही सात सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया. ये घटनाएं सिर्फ विद्रोह नहीं, बल्कि पाकिस्तान की संप्रभुता के खिलाफ खुला युद्ध हैं.
भारत की रणनीति और बढ़ता दबाव
वहीं भारतीय सीमा पर बढ़ते तनाव और रणनीतिक दबाव के बीच यह घटनाक्रम पाकिस्तान के लिए और बड़ी मुसीबत बन गया है. सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की ओर से लगातार हो रहे कूटनीतिक और सैन्य दबाव ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है, और अंदरूनी विद्रोह अब खुलकर सामने आ रहा है.
पाक सेना की बर्बरता बनी विद्रोह की वजह
इसके अलावा, बलूच कार्यकर्ताओं का कहना है कि "पाक सेना ने वर्षों से बलूच लोगों का दमन किया है—उनका अपहरण, हत्या और महिलाओं से दुर्व्यवहार आम बात रही है." इन अत्याचारों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने आंखें मूंद रखी हैं, जिससे BLA को हथियार उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
क्या पाकिस्तान के बंटवारे की शुरुआत हो चुकी है?
इसको लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हालात यूं ही बिगड़ते रहे तो पाकिस्तान को एक और विभाजन का सामना करना पड़ सकता है. BLA के हमलों ने ये संकेत दे दिए हैं कि बलूचिस्तान अब पाकिस्तान के अधीन रहने को तैयार नहीं है.