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India Daily

ENG vs IND: ओवल में टीम इंडिया को 'भगवान शिव की कृपा' से मिली जीत! जानें पांचवें टेस्ट का क्या है भोलेनाथ से कनेक्शन

ENG vs IND 5th Test: इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच के दौरान भारत के सभी खिलाड़ी चिंतित थे. ऐसे में टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ के रघु ने शिव स्तुति चलाई और उसके बाद खिलाड़ियों का ज्जबा वापस लौट आया और फिर भारत ने मुकाबले में 6 रनों से जीत दर्ज की.

Team India
Courtesy: Social Media

ENG vs IND 5th Test: लंदन के ओवल मैदान में भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का आखिरी मुकाबला चल रहा था. यह मैच भारत के लिए करो या मरो की स्थिति जैसा था. सीरीज में 1-2 से पीछे चल रही भारतीय टीम को हर हाल में जीत चाहिए थी. लेकिन पहले दिन जब बल्लेबाजी शुरू हुई, तो शुरुआत अच्छी नहीं रही. 

यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल जल्दी आउट हो गए और स्कोर सिर्फ 38 रन पर 2 विकेट था. ड्रेसिंग रूम में माहौल तनावपूर्ण था, खिलाड़ियों के चेहरों पर निराशा साफ दिख रही थी. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरे माहौल को बदल दिया.

ड्रेसिंग रूम में गूंजा शिव रुद्राष्टकम का जादू

दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब सब कुछ बिखरता नजर आ रहा था, तब भारतीय टीम के थ्रो-डाउन स्पेशलिस्ट राघवेंद्र, जिन्हें प्यार से रघु बुलाया जाता है उन्होंने एक अनोखा कदम उठाया. उन्होंने ड्रेसिंग रूम में श्री शिव रुद्राष्टकम स्तुति चलाने का फैसला किया. यह भक्ति भजन, जो भगवान शिव की स्तुति में है, धीरे-धीरे खिलाड़ियों के दिलों में उतरने लगा. पहले दिन से लेकर पांचवें दिन तक, यह स्तुति भारतीय ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बन गई.

एक खिलाड़ी ने बताया, “हम अक्सर प्रैक्टिस के दौरान या बाद में अलग-अलग तरह के गाने सुनते हैं. कभी-कभी हनुमान चालीसा भी बजती है. लेकिन इस बार रुद्राष्टकम को पांचों दिन सुनना कुछ खास था. यह सुनकर हमें शांति और जोश दोनों मिले.”

भगवान शिव की भक्ति ने जगाया हौसला

श्री शिव रुद्राष्टकम 16वीं सदी में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित एक संस्कृत भजन है. यह भगवान शिव की महिमा का गुणगान करता है और इसे सुनने या पढ़ने से मानसिक शक्ति, एकाग्रता और बाधाओं से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि सात दिन तक इसे पूरी श्रद्धा से पढ़ने से बड़ी से बड़ी मुश्किलें दूर हो सकती हैं. कहा जाता है कि भगवान राम ने भी रावण के खिलाफ अंतिम युद्ध से पहले रामेश्वरम में इस स्तुति का पाठ किया था.

भारतीय खिलाड़ियों के लिए यह भजन किसी प्रेरणा से कम नहीं था. जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, खिलाड़ियों में एक नई ऊर्जा दिखने लगी. ड्रेसिंग रूम में पहले जो निराशा थी, वह अब आत्मविश्वास में बदल चुकी थी. कोच और सपोर्ट स्टाफ भी इस भक्ति भरे माहौल का हिस्सा बन गए.