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India Daily

अडाणी को बचाने में क्यों लगी हुई है भाजपा सरकार: सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि गौतम अडाणी व उनके भतीजे के खिलाफ अमेरिका के डिपार्मेंट आफ जस्टिस तथा यूएस सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने नवंबर 2024 में एक मुकदमा शुरू किया और इस संबंध में उन्हें समन जारी किया गया था लेकिन वयह समन अभी तक अडाणी को नहीं मिला है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Saurabh Bhardwaj

Delhi News: आम आदमी पार्टी (AAP) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस वार्ता में गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी के खिलाफ अमेरिका में चल रहे भ्रष्टाचार मामले पर सनसनीखेज खुलासे किए. उन्होंने केंद्र सरकार पर गंभीर सवाल उठाए, जो अमेरिकी कोर्ट के समन को अडाणी तक पहुंचाने में नाकाम रही है.

अडाणी को अब तक नहीं मिला अमेरिकी कोर्ट का समन

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि नवंबर 2024 में अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूएस सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने अडाणी समूह के खिलाफ मुकदमा दायर किया. उन्होंने कहा, “21 सितंबर 2024 को गौतम अडाणी और सागर अडाणी के नाम समन जारी किया गया था, जिसमें 21 दिनों में जवाब मांगा गया था.”  यह समन अडाणी के अहमदाबाद और अमेरिका स्थित पतों पर भेजा गया, लेकिन छह महीने बाद भी यह उन तक नहीं पहुंचा. भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भारत का लॉ एंड जस्टिस डिपार्टमेंट इस समन को अडाणी तक पहुंचाने में जानबूझकर विफल रहा है. उन्होंने सवाल उठाया, “यह समझ से परे है कि भारत सरकार विश्व स्तर पर अपनी बेइज्जती क्यों करा रही है?”

2200 करोड़ की रिश्वत का आरोप

भारद्वाज ने खुलासा किया कि यह मामला 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत से जुड़ा है.  उन्होंने बताया, “अडाणी ने भारतीय और अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर जुटाए, जिसमें 750 मिलियन डॉलर का लक्ष्य था. इससे 20 साल में 2 बिलियन डॉलर का मुनाफा कमाने की योजना थी.” अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट के तहत, विदेशी कंपनियां अमेरिकी निवेशकों का पैसा लेकर भ्रष्टाचार नहीं कर सकतीं. भारद्वाज ने कहा, “अमेरिकी कोर्ट के अनुसार, अडाणी ने 256 मिलियन डॉलर (लगभग 2200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की योजना बनाई, जिसमें कुछ राशि दी गई और कुछ बकाया है.” 

मोदी सरकार पर सवाल

भारद्वाज ने आरोप लगाया कि भारत सरकार अडाणी को बचाने में लगी है. उन्होंने पूछा, “जब AAP पर आरोप लगते थे, तो BJP कहती थी, ‘भाग क्यों रहे हो, कोर्ट में पेश हो.’ अब अडाणी क्यों भाग रहे हैं?” उन्होंने कहा कि जब भी पीएम मोदी किसी देश की यात्रा करते हैं, वहां अडाणी को बड़े प्रोजेक्ट मिलते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “2015 और 2019 में श्रीलंका दौरे के बाद अडाणी को 442 करोड़ का प्रोजेक्ट मिला. श्रीलंका के एक अधिकारी ने संसदीय समिति में कहा कि यह भारत सरकार के दबाव में हुआ.”

 भारत की साख पर सवाल

भारद्वाज ने कहा कि भारत सरकार का यह रवैया वैश्विक मंच पर देश की साख को धूमिल कर रहा है. उन्होंने तंज कसा, “अमेरिका का एक छोटा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट अडाणी को समन भेजता है, और भारत सरकार कहती है कि हमें अडाणी नहीं मिल रहे. यह हास्यास्पद और शर्मनाक है.”