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India Daily

क्या जो बाइडेन ने शुरू की थी भारत के खिलाफ अभियान? अमेरिकी एक्सपर्ट ने बताया ट्रंप के एंटी-इंडिया स्टैंड की वजह

रस्ट कोहले का कहना है कि भारत-अमेरिका संबंधों में यह तनाव नया नहीं है. उनके अनुसार, यह सब 2024 में जो बाइडेन प्रशासन के दौरान शुरू हुआ था. कोहले का तर्क है कि 2023 तक अमेरिका ने भारत को एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा और उम्मीद की कि भारत, चीन के खिलाफ उसका साथ देगा. लेकिन 2024 में बाइडेन प्रशासन का धैर्य जवाब देने लगा, जब भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को बनाए रखा और रूस के साथ अपने ऊर्जा और रक्षा संबंधों को मजबूत किया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
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Courtesy: Social Media

 India-US Relation: डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के ऊपर टैरिफ बम फोड़ा है. अभी तक ये समझ नहीं रहा है कि ऐसा क्या हुआ जिससे अमेरिका अचानक भारत के खिलाफ खड़ा हो गया. ट्रंप सरकार ने भारत के खिलाफ कई फैसले लिए हैं. साथ ही पाकिस्तान के साथ दोस्ती बढ़ा रहा है. कुछ जानकारों का कहना है इसके पीछे रूस से भारत का तेल लेना वजह है. तो कई लोग पाकिस्तान के साथ हुए सीजफायर में डोनाल्ड ट्रंप को भारत की तरफ से नहीं दिए गये क्रेडिट को वजह मानते हैं. 

हालांकि अमेरिकी एक्सपर्ट रस्ट कोहले का कहना है कि जो डोनाल्ड ट्रंप कर रहे हैं उसे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुरू किया था.  रस्ट कोहले का कहना है कि भारत-अमेरिका संबंधों में यह तनाव नया नहीं है. उनके अनुसार, यह सब 2024 में जो बाइडेन प्रशासन के दौरान शुरू हुआ था. कोहले का तर्क है कि 2023 तक अमेरिका ने भारत को एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखा और उम्मीद की कि भारत, चीन के खिलाफ उसका साथ देगा. लेकिन 2024 में बाइडेन प्रशासन का धैर्य जवाब देने लगा, जब भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति को बनाए रखा और रूस के साथ अपने ऊर्जा और रक्षा संबंधों को मजबूत किया.

ट्रंप के एंटी-इंडिया स्टैंड की वजह

रस्ट कोहले ने भारत के खिलाफ लिए जाने वाले अगले फैसलों के बारे में बात करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंध और बदतर होने वाले हैं. अमेरिका का मानना है कि अगर भारत अमेरिका के साथ नहीं रहता है तो हम उसकी प्रगति के लिए कोई मदद देने की जरुरत नहीं है. ये फैसला अकेले डोनाल्ड ट्रंप की नहीं है ये एक आम सहमति है. उन्होंने आगे कहा है कि ऐसा सिर्फ डोनाल्ड ट्रंप नहीं कर रहे हैं, बल्कि वॉशिंगटन में भारत को लेकर यही आम सहमति बन चुकी है. भारत को इससे निपटने का कोई रास्ता निकालना होगा, क्योंकि वह अमेरिका और चीन दोनों से एक साथ नहीं लड़ सकता. 

रूस से तेल का आयात

बाइडेन प्रशासन ने भारत के रूसी तेल आयात पर चिंता जताई थी, क्योंकि भारत ने यूक्रेन युद्ध के बाद रूस से सस्ते तेल का आयात बढ़ाया था. भारत अब रूस से लगभग 40% कच्चा तेल आयात करता है, जो युद्ध से पहले केवल 0.2% था. कोहले का कहना है कि बाइडेन ने भारत पर दबाव डालने की कोशिश की, लेकिन उनकी नीतियां अपेक्षाकृत नरम थीं. ट्रम्प ने सत्ता में आने के बाद इसे और आक्रामक रूप दे दिया.

27 अगस्त 2025 से लागू होने वाले ट्रम्प के नए टैरिफ नियमों ने भारत को निशाने पर लिया है. ट्रम्प ने रूसी तेल आयात को लेकर भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिसे उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध में मॉस्को की आर्थिक मदद का समर्थन करने वाला कदम बताया. इसके अलावा, भारत के साथ व्यापारिक वार्ताएं रुकने और भारत की रूस के साथ सैन्य और ऊर्जा साझेदारी को लेकर ट्रम्प ने तीखी आलोचना की है. ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर भारत को "मृत अर्थव्यवस्था" तक कह डाला, जिसने भारतीय नेतृत्व और जनता में नाराजगी पैदा की है.