भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है. भारत द्वारा 7 मई 2025 को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर की गई सटीक एयर स्ट्राइक ने दोनों देशों के बीच माहौल को और गर्म कर दिया है. इस कार्रवाई ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया, बल्कि पाकिस्तान की कमजोरियों को भी उजागर किया.
भारत के साथ अगर पाकिस्तान युद्ध करता हो तो वो एक हफ्ते से ज्यादा टीक नहीं पाएगा. भारत हर मोर्चो पर ताकतवर है.
सैन्य बल की संख्या
भारत की सैन्य शक्ति दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है. भारतीय सशस्त्र बलों में लगभग 14.5 लाख सक्रिय सैनिक हैं, जबकि 11 लाख से अधिक रिजर्व सैनिक और 25 लाख पैरामिलिट्री बल मौजूद हैं. पाकिस्तान की सेना में लगभग 6.5 लाख सक्रिय सैनिक और 5 लाख रिजर्व सैनिक हैं.
थलसेना की ताकत
भारतीय थलसेना के पास 4,200 से अधिक टैंक, 4,600 तोपें, और 1,900 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर हैं. इसके अलावा, भारत के पास स्वदेशी अर्जुन टैंक, टी-90 भीष्म, और ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल जैसे उन्नत हथियार हैं. भारत की पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर प्रणाली भी युद्धक्षेत्र में गेम-चेंजर साबित हुई है. दूसरी ओर, पाकिस्तान के पास 2,400 टैंक, 1,600 तोपें, और 350 रॉकेट लॉन्चर हैं. पाकिस्तान मुख्य रूप से चीनी मूल के अल-खालिद टैंक और अमेरिकी एम1 अब्राम्स टैंकों पर निर्भर है. हालांकि, इनकी संख्या और तकनीकी क्षमता भारतीय टैंकों की तुलना में कम है.
वायुसेना की क्षमता
भारतीय वायुसेना (IAF) के पास 2,000 से अधिक विमान हैं, जिनमें राफेल, सुखोई-30 MKI, तेजस, और मिराज-2000 जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान शामिल हैं. भारत के पास S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, आकाश मिसाइल सिस्टम, और MRSAM जैसी उन्नत वायु रक्षा प्रणालियां भी हैं. ऑपरेशन सिंदूर में राफेल और मिराज-2000 ने सटीक हमले किए, जिसने भारत की वायु शक्ति को साबित किया.
पाकिस्तान वायुसेना के पास 1,300 विमान हैं, जिनमें JF-17 थंडर चीनी हैं और F-16 (अमेरिकी) प्रमुख हैं. हालांकि, ये विमान तकनीकी रूप से भारत के राफेल और सुखोई जैसे विमानों की तुलना में कम प्रभावी हैं. .
नौसेना की ताकत
भारतीय नौसेना दक्षिण एशिया में सबसे शक्तिशाली नौसेनाओं में से एक है. भारत के पास 2 विमानवाहक पोत (INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य), 12 पनडुब्बियां, 14 डिस्ट्रॉयर, और 20 से अधिक फ्रिगेट हैं. कलवरी-श्रेणी की स्टील्थ पनडुब्बियां और ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस युद्धपोत भारत की समुद्री ताकत को और मजबूत करते हैं. पाकिस्तान नौसेना के पास कोई विमानवाहक पोत नहीं है, और इसकी ताकत 5 पनडुब्बियों, 8 फ्रिगेट, और 4 डिस्ट्रॉयर तक सीमित है. पाकिस्तान की नौसेना मुख्य रूप से चीनी और तुर्की निर्मित जहाजों पर निर्भर है, जो भारतीय नौसेना की तुलना में कम प्रभावी हैं.
परमाणु और मिसाइल क्षमता
भारत और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु हथियार हैं. भारत के पास 160-180 परमाणु हथियार और अग्नि-5 (5,000 किमी रेंज), पृथ्वी, और निर्भय क्रूज मिसाइल जैसी उन्नत मिसाइलें हैं. भारत की बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम (BMDS) भी इसे रक्षा के मामले में बढ़त देती है. पाकिस्तान के पास 165-170 परमाणु हथियार और बाबर क्रूज मिसाइल, शाहीन-3 (2,750 किमी रेंज) जैसी मिसाइलें हैं. हालांकि, पाकिस्तान की मिसाइल तकनीक मुख्य रूप से चीन पर निर्भर है और भारत की तुलना में कम विविधतापूर्ण है.
तकनीकी और स्वदेशीकरण
भारत ने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण पर जोर दिया है. DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने तेजस, ब्रह्मोस, पिनाका, और आकाश जैसे हथियार विकसित किए हैं. भारत का मेक इन इंडिया अभियान भी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दे रहा है. इसके विपरीत, पाकिस्तान की रक्षा तकनीक मुख्य रूप से चीन, अमेरिका, और तुर्की से आयात पर निर्भर है, जिससे उसकी स्वायत्तता सीमित है. 2025 में भारत का रक्षा बजट लगभग 86 अरब डॉलर है, जो दुनिया में चौथा सबसे बड़ा है. वहीं, पाकिस्तान का रक्षा बजट लगभग 11 अरब डॉलर है.