menu-icon
India Daily
share--v1

Rajiv Mehta Bank fraud: भगोड़े राजीव मेहता को 25 साल बाद भारत लाएगी CBI, इस देश में छिपा था धोखेबाज

Rajiv Mehta Bank fraud: राजीव मेहता ने कई बैंकों के साथ धोखाधड़ी की थी. साल 1998 में राजीव मेहता के खिलाफ दिल्ली में केस दर्ज किया गया था, जिसके बाद साल 1999 में उसे भगोड़ा घोषित किया गया था.

auth-image
India Daily Live

Rajiv Mehta Bank fraud: सीबीआई को 25 साल बाद एक बैंक धोखाधड़ी मामले में एक बड़ी सफलता मिली है. सीबीआई ने आज यानी 6 मार्च को इंटरपोल के रेड नोटिस का सामना कर रहे जालसाज राजीव मेहता को अमेरिका से वापस भारत लाने की तैयारी तेज कर दी है. हालांकि उसे वापस लाने के लिए कानून प्रक्रिया में 23 साल लंबा समय लग गया. 

अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि 25 साल पुराने धोखाधड़ी मामले में आरोपी राजीव मेहता ने बैंक ड्राफ्ट को रोक लिया था, जिसे वह बाद में कैश लेता था. इसके बाद वह साल 2000 से फरार हो गया था. अधिकारियों ने कहा कि ग्लोबल ऑपरेशंस सेंटर ने इंटरपोल चैनलों का इस्तेमाल करके उसका पीछा किया. आखिरकार नेशनल सेंट्रल ब्यूरो-वाशिंगटन ने उसका पता लगा लिया. 

अमेरिका के अधिकारियों ने पता लगाई लोकेशन

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के इंटरनेशनल ऑपरेशन सेंटर ने आज यानी 6 मार्च को रेड नोटिस के संबंध में अमेरिका से भारत वापसी के लिए संपर्क किया है. इससे पहले अमेरिकी अधिकारियों ने इंटरपोल के जरिए उसकी लोकेशन का पता लगाया था. इंटरपोल ने सीबीआई की अपील पर 16 जून साल 2000 को राजीव मेहता के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था. प्रवक्ता ने कहा था कि आरोपी की लोकेशन और गिरफ्तारी के लिए सभी इंटरपोल सदस्य देशों को रेड नोटिस की कॉपी भेजी गई थी. 

दिल्ली की इस बैंक में किया था फ्रॉड

उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ग्रेटर कैलाश पार्ट- II नई दिल्ली में फर्जी बैंक खाते खोलने से जुड़े धोखाधड़ी, चोरी और आपराधिक साजिश के लिए राजीव मेहता के खिलाफ साल 1998 में केस दर्ज किया था. जिसके बाद सीबीआई उसकी तलाश में जुट गई. 

साल 1999 में कोर्ट ने घोषित किया था भगोड़ा

सूत्रों के मुताबिक, राजीव मेहता को साल 1999 में कोर्ट की ओर से भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था. उन्होंने कहा कि सीबीआई भारत में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में इंटरपोल चैनलों के माध्यम से सहायता के लिए भारत में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संपर्क में हैं. 

Also Read