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पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने 44 साल बाद किस फैसले को माना 'गलती'? बिलावल भुट्टो बोले- अब होगा बदलाव

Pakistan News: पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने अपने 44 साल पहले के एक फैसला पर अफसोस जताया है. कहा है कि पाकिस्तान के इतिहास में ऐसे कई फैसले हुए हैं, जिन्होंने आम लोगों में एक गलत सोच को जन्म दिया है.

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Pakistani Supreme Court, Zulfikar Bhutto, Zulfikar Bhutto hanging

Pakistan News: पाकिस्तान से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि साल 1979 के फैसले में मुकदमे के दौरान निष्पक्ष सुनवाई और उचित प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया, जिसके कारण पूर्व प्रधान मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी दी गई. 

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (CJP) काजी फैजे ईसा की अध्यक्षता वाली नौ-न्यायाधीशों की पीठ ने अप्रैल 2011 में दायर अपने एक राय, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की ओर से जवाब मांगा गया था कि क्या वह 1979 के फैसले पर दोबारा गौर कर सकते हैं? जो पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और न्यायविदों की ओर से इसे ऐतिहासिक गलती माना गया है.

पाकिस्तान के सीजेपी ने की बड़ी टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट की राय के बारे में बताते हुए सीजेपी ने कहा कि लाहौर हाईकोर्ट की ओर से मुकदमे की कार्यवाही और पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट की ओर से अपील पर कार्यवाही निष्पक्ष सुनवाई और मौलिक अधिकारों की जरूरतों के हिसाब से सही नहीं थी. डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 4 व 9 और बाद में संविधान के अनुच्छेद 10ए के तहत एक अलग मौलिक अधिकार के रूप में गारंटी दी गई. 

पाकिस्तान के न्यायिक इतिहास ने गलत सोच पैदा की

डॉन के अनुसार पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया कि हमारे न्यायिक इतिहास में कुछ ऐसे मामले हुए हैं, जिन्होंने सार्वजनिक रूप से गलत धारणा को जन्म दिया है. लोगों में धारणा है कि डर और पक्षपात ने न्याय देने के काम को रोका है. सीजेपी ने कहा कि जब तक हम अपनी पिछली गलतियों को स्वीकार नहीं करते तब तक हम खुद को सही नहीं कर सकते हैं और सही दिशा में प्रगति भी नहीं कर सकते हैं.

बिलावल भुट्टो ने सीजेपी के बयान पर कही ये बात 

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने यह भी कहा कि सैन्य तानाशाह जनरल जियाउल हक के शासन में जुल्फिकार भुट्टो के मुकदमे, दोषसिद्धि और मौत की सजा की कार्यवाही पर विचार करने  की जरूरत है. जुल्फिकार भुट्टो के पोते बिलावल भुट्टो जरदारी ने कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक बताया है.

उन्होंने यह भी कहा कि करीब 44 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पाकिस्तान को प्रगति करने का मौका मिलेगा. सिस्टम आखिरकार सही रास्ते पर आ जाएगा.

बिलावल भुट्टो ने सोशल मीडिया पर शेयर की पोस्ट

बिलावल भुट्टो ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हुए मीडिया से कहा कि इस फैसले के दाग ने पाकिस्तान के लोगों के लिए कोर्ट पर विश्वास करना और न्याय पाना कठिन बना दिया था. खासकर तब जब देश के प्रधानमंत्री जैसे व्यक्ति को न्याय नहीं मिला.

बिलावल ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फैसले की सराहना करते हुए कहा कि न्यायिक हत्या के 44 साल से ज्यादा समय बाद आज सीजेपी की ओर से एक सर्वसम्मत निर्णय की घोषणा की गई है. शहीद जुल्फिकार अली भुट्टो को निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिली थी.