Rahul Gandhi On Share Market: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस करके नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर बड़ा आरोप लगाया है. ये आरोप शेयर बाजार में उलटफेर को लेकर लगाए गए हैं. राहुल गांधी ने कहा भारत के स्टॉक मार्केट के इतिहास का ये सबसे बड़ा स्कैम है. इसकी संयुक्त संसदीय समिति से जांच करानी चाहिए. राहुल गांधी के बयानों को कई तरह से देखा जा रहा है. आइए एक-एक करके समझते हैं कि कांग्रेस नेता के बयानों के क्या मायने हैं? पीएम मोदी और अमित शाह ने क्या कहा था? बाजार ने तीन जून और 4 जून को किस तरह से प्रदर्शन किया? और 4 जून के बाद शेयर बाजार में कितने की रिकवरी हो चुकी है?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि पहले अमित शाह ने कहा कि 4 जून को लोकसभा के नतीजों वाले दिन शेयर बाजार आसमान पर जाएगा. इसके बाद पीएम मोदी ने लोगों से शेयर खरीदने की सलाह दी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी शेयरों में उछाल आने की बात कही.
लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आए. नतीजों के शुरुआती रुझान आने और बाजार खुलते ही निवेशकों को चपत लगना शुरू हुई. बाजार खुलने के शुरुआती 20 मिनट में ही निवेशकों के 20 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया. और बाजार बंद होने तक निवेशकों को 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. बीएसई पर 4 जून को लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 395 लाख करोड़ रुपये हो गया था. इससे एक दिन पहले मार्केट कैप 426 लाख करोड़ रुपये था.
ये हो गई 4 जून की बात आइये अब समझते हैं कि आखिर 3 जून को बाजार की चाल कैसी रही. 1 जून को लोकसभा चुनाव खत्म होता और एग्जिट पोल आते हैं. इससे पहले पीएम मोदी और अमित शाह ने अपने इंटरव्यू में शेयरों में उछाल की बात कही थी.
पीएम मोदी और अमित शाह ने क्या कहा था?
13 मई को अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था- "अगर स्थिर सरकार बनती है तो शेयर बाजार में तेजी आएगी. हालांकि शेयर बाजार की चाल का मैं अनुमान नहीं लग सकता लेकिन जब भी केंद्र में स्थिर सरकार बनती है तो शेयर बाजार में तेजी देखी जाती है. मुझे लगता है कि इस बार बीजेपी को 400 से ज्यादा सीटें मिल रही है. ऐसे में एक स्थिर सरकार आएगी और शेयर बाजार भागेगा."
13 मई के बाद 19 मई को पीएम मोदी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा- जब भी लोकसभा चुनाव के दौरान या जब नतीजे घोषित होते हैं तो बाजार अच्छा प्रदर्शन करता है. बाजार की चाल इस पर निर्भर होती है कि सत्ता में कौन आ रहा है.
इसके साथ पीएम मोदी ने ये भी कहा था कि आज से 10 साल पहले जब वो सत्ता में आए थे तब सेंसेक्स 25,000 पर था और आज 75,000 पर है. बैंकों के शेयरों की वैल्यू बढ़ी है.
इन बयानों और एग्जिट पोल के बाद 3 जून को शेयर बाजार ने आसमान छुआ. निवेशकों को खूब मुनाफा हुआ. 3 जून को निवेशकों ने करीब 14 लाख करोड़ रुपये की कमाई भी कर डाली. 3 जून को रिकॉर्ड बनाने के बाद 4 जून को भारतीय शेयर बाजार मुंह के बल गिरता है और निवेशकों को करीब 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो जाता है.
लोकसभा चुनाव के नतीजे में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला वह अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर केंद्र में एनडीए की सरकार बनाएगी. इसी बीच 6 जून को राहुल गांधी प्रेस कांफ्रेंस कहते हैं- 4 जून को हिंदुस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा स्कैम हुआ है. ये मामला बहुत बड़ा है. इसका सीधा कनेक्शन प्रधानमंत्री जी से है. बीजेपी के बड़े नेता इस स्कैम में लिप्त हैं.
राहुल गांधी ने आगे कहा- 31 मई को शेयर मार्केट में काफी एक्टिविटी हुई थी. वो लोग थे जिन्हें पता था कि घपला हो रहा है. 4 जून को बाजार धड़ाम होता है और निवेशकों को 30 लाख करोड़ का नुकसान हो जाता है.
4 जून को शेयर बाजार में तबाही आती है. 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो जाता है. लेकिन अगले दिन यानी 5 जून को बाजार धीरे-धीरे बढ़ता है. 6 जून को भी बाजार बढ़ा. दो दिनों में निवेशकों के 21 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी हो गई है. यानी 4 जून को जो 30 लाख करोड़ रुपये डूबे थे उसमें से 21 लाख करोड़ रुपये आ चुके हैं. बुधवार को 13.22 लाख करोड़ रुपये तो 5 जून को 7.78 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी
दो दिन में शेयर बाजार में 21 लाख करोड़ रुपये की रिकवरी से एक सवाल ये भी उठता है कि अगर 4 जून को स्कैम होता तो क्या 2 दिन बाजार 21 हजार करोड़ रुपये की रिकवरी कर लेता?