menu-icon
India Daily
share--v1

फिर अटकी अरविंद केजरीवाल की जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों नहीं दिया फैसला? समझिए वजह

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल चुने गए मुख्यमंत्री हैं. उनके खिलाफ कोई केस नहीं है. ऐसे में उन्हें चुनाव प्रचार का हक है.

auth-image
India Daily Live
Arvind Kerjriwal
Courtesy: India Daily

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर अहम सुनवाई चल रही है. अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए कोर्ट में एक अर्जी दायर की है. उन्होंने कहा है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें अवैध तरीके से गिरफ्तार किया है. दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवल पर ईडी ने गंभीर आरोप लगाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. उनकी अंतरिम जमानत पर कोर्ट ने अंतरिम फैसला नहीं दिया है.

ईडी ने अरविंद केजरीवाल को इस केस का किंगपिन कहा था. अरविंद केजरीवाल को जांच एजेंसी ने मुख्य साजिशकर्ता माना था. ऐसे में उनकी जमानत का विरोध ईडी कोर्ट में कर रही है.  जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता इस केस की सुनवाई की है. 

सुप्रीम कोर्ट में यह केस 10 अप्रैल को दायर हुआ था. दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को चुनौती देने वाली याचिका कर दी थी. अरविंद केजीवाल 21 मार्च से ही जेल में हैं और ईडी उनसे पूछताछ कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देश में चुनावी मौसम है और अरविंद केजरीवाल चुने हुए मुख्यमंत्री हैं.

सुप्रीम कोर्ट में किन-किन बातों पर हुई बहस? 

अभिषेक मनु सिंघवी ने अरविंद केजरीवाल की रिहाई की मांग की. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल आतंकवादी नहीं है. तुषार मेहता गलत दलीलें दे रहे हैं. ऐसे मामलों में अंतरिम जमानत मिल जाती है. उपराज्यपाल ने एक फाइल महज इसलिए लौटा दी थी कि क्योंकि उस पर अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर नहीं थे.  

- जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कोई केस नहीं है. अरविंद केजरीवाल के चुनाव प्रचार करने में कोई हर्ज नहीं है. आप उनकी ओर से पेश किए मुद्दों पर खुद को सही ठहराइए.

अभिषेक मनु सिंघवी ने अरविंद केजरीवाल की रिहाई की मांग की. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल आतंकवादी नहीं है. तुषार मेहता गलत दलीलें दे रहे हैं. ऐसे मामलों में अंतरिम जमानत मिल जाती है. उपराज्यपाल ने एक फाइल महज इसलिए लौटा दी थी कि क्योंकि उस पर अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर नहीं थे.  

- अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आज एक मुख्यमंत्री को जमानत नहीं दे रहे हैं, वे आदतन अपराधी नहीं हैं. इसके जवाब में तुषार मेहता ने कहा कि हस्ताक्षर के अभाव में किसी राज्य का प्रशासन नहीं रुकता है. इसके जवाब में जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आप क्या कह रहे हैं और वे क्या कह रहे हैं. 

- जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि मान लीजिए हम इसकी इजाजत दे दें तो क्या यह समय लौट आएगा. तुषार मेहता ने कहा कि हमें अपना पक्ष रखने के लिए सही अवसर मिलना चाहिए. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आप अपने अंतरिम बेल पर बहस कीजिए. हम आपको सुनेंगे. उन्होंने 9 बार समन को नजरअंदाज किया है, यह समझ में आता है.

- तुषार मेहता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल समन से बच रहे थे. इससे गलत संदेश जाएगा. एक आम आदमी के लिए यह गलत प्रेरणा देगा. उन्हें कैंपेनिंग की सुविधाएं मिल जाएंगी. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम आपकी असहमति को समझते हैं.  वे यह कहने के हकदार हैं कि कैंपेनिंग के ठीक पहले अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है. यह दुर्भाग्यपू्ण है. 

- जस्टिस दत्ता ने कहा, 'अगर चुनाव नहीं होते तो अंतरिम जमानत का कोई प्रश्न ही नहीं उठता. जस्टिस खन्ना ने कहा कि यह सवाल प्राथमिकताओं का है और जनहित का है. हम सरकार की कार्यप्रणाली ने हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं.' अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अब हमारे पास एक नई शराब नीति है.

- जस्टिस संजीवन खन्ना ने कहा, 'मान लीजिए कि हम आपको रिहा कर देते हैं और आपको चुनाव में भाग लेने की अनुमति दे दी जाती है, तो आप आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करेंगे. इसके व्यापक प्रभाव हो सकते हैं.' अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि मौजूदा सीएम के तौर पर कोई रोक नहीं है.

- जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, 'फाइलों पर हस्ताक्षर करने और कार्यालय में उपस्थित होने के बारे में क्या?' अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मैं ये नहीं कहना चाहता कि मैं बंधन में हूं. इस उत्पाद शुल्क मामले पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी.'

- जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आप ऑफिस जाएंगे तो हो सकता है कि यह सही न हो. यह मालिकाना हक का सवाल है... सार्वजनिक हित का. सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप नहीं चाहते. अभिषेक सिंघवी ने कहा कि नई आबकारी नीति है. अभिषेक मुन सिंघवी ने कहा कि पूरा देश मुझ पर नजर रखेगा, खासकर ईडी. यह बहुत अपमानजनक होगा, इस केस में ED की ओर से 1.5 साल तक कुछ नहीं किया गया.

- जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम यह स्पष्ट कर देते हैं कि अगर हम आपको रिहा करते हैं तो हम नहीं चाहते कि आप आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करें. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि यह मालिकाना हक का सवाल है, सार्वजनिक हित का सवाल है. हम सरकारी काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते.

- अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मैं एक बयान दूंगा कि अरविंद केजरीवाल किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे. इसकी एक शर्त होगी कि उपराज्यपाल इस आधार पर काम नहीं रोकेंगे. SG तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल का कहना है कि लोकतंत्र बुनियादी ढांचा है और यह मेरा मौलिक अधिकार है. लेकिन भोजन का अधिकार भी ऐसा ही है. बड़ी संख्या बहुत से लोग जेल में बंद हैं, क्या आम आदमी का अधिकार कम है?

- सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का विरोध किया है. उन्होंने कहा है, 'पहले यह दिल्ली चुनाव के बारे में था. अब वह पंजाब चुनाव कहते हैं. कृपया राजनीतिक नेताओं को एक अलग वर्ग के रूप में चिह्नित न करें. जेल में एमडी हैं, वे कह सकते हैं कि कंपनी दिवालिया हो रही है और अंतरिम जमानत मांग सकते हैं.'

- सॉलिसिटर जनरल ने फिर कहा कि दिल्ली के सीएम एकमात्र ऐसे सीएम हैं जिनके पास पोर्टफोलियो नहीं है. वह किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करते. यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री भी फाइलों पर हस्ताक्षर करते हैं और इसमें मंत्रालय भी शामिल हैं.