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झारखंड: 10,000 के घूस से रुपयों के पहाड़ तक, भ्रष्टाचार के 'आलम' तक कैसे पहुंची ED?

ईडी ने अब तक 30 करोड़ रुपये रेड में बरामद किए हैं. झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम तक इसके तार जुड़े हुए हैं. कैसे ईडी ने इस भ्रष्टाचार की पोल खोली, आइए जानते हैं.

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Enforcement Directorate
Courtesy: ANI

झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय ने भ्रष्टाचार का 'कैश लोक' ढूंढ निकाला है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जब से झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर विरेंद्र राम को पकड़ है, तब से ही एक से बढ़कर एक किस्से सामने आ रहे हैं. विरेंद्र राम ने 10,000 रुपये का घूस लिया था. इस घूस के बाद अब तक करोड़ों के कैश की बरामदगी हो चुकी है. इसके तार झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम तक जा पहुंचे. कैसे झारखंड की काली कमाई सामने आई, आइए जान लेते हैं. 

वैसे तो नौकरशाही में सबसे निचले पायदान के अधिकारी राम विरेंद्र राम हैं, लेकिन उनके जैसे कई लोग थे जिन्होंने घूस पर अपना कारोबार खड़ा किया है. ईडी की इस घूस पर जब नजर गई तो पता चला कि भ्रष्टाचार में कई लोग शामिल हैं. एक इंजीनियर ने ईडी को करोड़ों के काले धन की जांच के लिए मजबूर कर दिया. 

जब राम से पूछताछ हुई तो उसने झारखंड में चल रहे भ्रष्टाचार के धंधे की पोल खोलकर रख दी. उसने ऐसे-ऐसे अधिकारियों के नामों का जिक्र किया, जिसे सुनकर जांच एजेंसी के अधिकारी भी हैरान रह गए. उसने बताया कैसे भ्रष्टाचार का धंधा झारखंड में फल-फूल रहा है. 

कैसे खेला जा रहा था भ्रष्टाचार का खेल?
ईडी ने इस केस की जब छानबीन शुरू की झारखंड का ग्रामीण विकास विभाग रडार पर आया. बीते साल 9 नई को ईडी ने सरकार को एक खुफिया लेटर भी लिखा. झारखंड के अधिकारी इसे लेकर चुप्पी साधे हुए थे. ईडी की ही चाल पर इनकी नजर थी. 

ईडी ने बता कि पूछताछ में वीरेंद्र राम ने बताया कि वह कमीशन के नाम पर घूस लेता था और टेंडर देता था. वह छोटे कॉन्ट्रैक्टर्स से पैसे लेता था. उसने 14 अप्रैल 2023 को दिए गए बयान में कहा था कि उसने 3.2 प्रतिशत कुल टेंडर वैल्यू का कमीशन देना पड़ता है. उसका शेयर 0.3 प्रतिशत है.'

क्या है ईडी की अगली तैयारी?
ईडी ने इन आरोपों के सामने आने के बाद 6 मई 2024 को झारखंड ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल को रडार पर लिया. वे इस गठजोड़ में शामिल थे. उन्हीं के इशारे पर कॉन्ट्रैक्ट दिए गए. इससे उन्हें पैसे मिलते थे. 

जब ईडी ने रेड डाली तो कई अहम सुराग मिले. संजीव लाल के निजी सचिव के नौकर के घर करीब 34 करोड़ रुपये कैश मिले हैं. अभी भी कई जगहों पर रेड जाली जा रही है. एक अन्य शख्स के घर से करीब 3 करोड़ रुपये सीज किए गए. अब निशाने पर आलमगीर आलम हैं, जिनसे ईडी पूछताछ करेगी. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कई ऐसे दस्तावेज ईडी के पास मिले हैं जो इशारा करते हैं कि जहांगीर आलम भी इस केस में शामिल हैं.