बीते कई महीनों से चर्चा में चल रहा संदेशखाली अब नए विवादों में आ गया है. पश्चिम बंगाल के इस कस्बे में सीबीआई की छापेमारी के बाद जो चीजें मिली हैं उसने हर किसी का होश उड़ा दिया है. सीबीआई की छापेमारी में गोला-बारूद और हथियार बरामद होने के बाद वहां पर एनएसजी के कमांडो तैनात कर दिए गए हैं. संदेशखाली वही इलाका है जहां कुछ महीने पहले ईडी की टीम छापा मारने गई थी तब उस पर हमला कर दिया गया. इस हमले में कई अधिकारी घायल हुए थे. यहां महिलाओं के साथ हुए अत्याचार की भी जांच हो रही है. इसके अलावा, हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक भी संदेशखाली का मुद्दा जा रहा है.
सीबीआई की एक टीम ने शुक्रवार को संदेशखाली में एक छापेमारी की. यह छापेमारी ईडी टीम पर हुई हमले के मामले की जांच के लिए ही की गई थी. कई जगहों पर हुई छापेमारी के बाद सीबीआई की टीम ने एक घर से कई विदेशी पिस्टलें और उनकी गोलियां बरामद की हैं. ये हथियार बरामद होने के बाद सीबीआई की टीम घर के अंदर की जमीन भी खोद रही. फिलहाल, छापेमारी जारी है. मामले की संवेदनशीलता और पूर्व में हुए हमले को ध्यान में रखते हुए अब इस इलाके में एनएसजी के कमांडो तैनात कर दिए गए हैं.
सीबीआई की छापेमारी के मामले पर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा है, 'अभी तक हमने हथियार नहीं देखे हैं. सूत्र कह रहे हैं कि सीबीआई को वहां से हथियार मिले हैं. हालांकि, सीबीआई ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है. यह संभव है कि हमारे विरोधी या कुछ राजनीतिक दलों ने हथियार प्लांट कर दिए हैं. पुलिस को अलर्ट रहना चाहिए था.'
#WATCH | Kolkata, West Bengal: On CBI raids in West Bengal, TMC leader Kunal Ghosh says, "Till now, we have not seen any arms. The sources are saying that the CBI has recovered some arms there. However, the CBI has not briefed anything officially... It is possible that our rivals… pic.twitter.com/Brg7hO5Wf6
— ANI (@ANI) April 26, 2024
दूसरी तरफ, संदेशखाली हिंसा मामले में आए कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच 29 मार्च को सुनवाई करेगी. दरअसल, हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही सीबीआई ने 5 जनवरी को हुए हमले के मामले में एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू की है. हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने इस मामले को अपने हाथ में लिया था.
संदेशखाली की महिलाओं ने आरोप लगाए थे कि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के नेता उनका यौन उत्पीड़न कर रहे हैं. इतना ही नहीं, अवैध तरीके से जमीन पर कब्जे और सुविधाओं के नाम पर यौन उत्पीड़न के कई मामलों की शिकायत सामने आई है. वहीं, राशन घोटाले की जांच कर रही ईडी की टीम 5 जनवरी को जब शेख शाहजहां के ठिकानों पर छापा मारने पहुंची तो उस पर हमला कर दिया गया था. बाद में 29 फरवरी को शेख शाहजहां को गिरफ्तार किया गया और फिलहाल वह जेल में ही है.