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'हजार साल भी याद रहेगा ये पल....', राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें

Ayodhya ke Ram: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के 10 बड़ी बातें-

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Antriksh Singh
Narendra Modi

हाइलाइट्स

  • हजार साल भी होगी इस पल की चर्चा
  • जिसमें रम जाएं, उसी में राम है

Ayodhya ke Ram: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम के प्रति अपना समर्पण, भक्त भाव और प्रेम करते हुए देशवासियों के सामने अपना दिल खोल दिया. उन्होंने रामभक्तों को प्रणाम करते हुए कहा कि हमारे राम आ गए हैं. प्रधानमंत्री ने अयोध्या और सरयू को भी प्रणाम किया. उन्होंने कहा कि वे दैवीय अनुभूति कर रहे हैं. उन्होंने प्रभु राम से क्षमा भी मांगी. आइए देखते हैं इस महाअवसर पर पीएम के भाषण के 10 बड़ी बातें-

1. अनगिनत बलिदान, तपस्या का फल

पीएम ने कहा कि सदियों के इंतजार के बाद हमारे राम आ गए हैं। इस दौरान अनगिनत बलिदान, तपस्या के बाद राम आए हैं. इस शुभ घड़ी में समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई.

पीएम ने कहा कि रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे।  22 जनवरी 2024 का सूरज एक अद्भुत ऊर्जा लेकर आया है।

2. हजार साल भी होगी इस पल की चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर को सदियों की धरोहर बताते हुए कहा,  गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा होता राष्ट्र ऐसे ही नवइतिहास की रचना करता है। आज से हजार साल बाद भी लोग आज के इस पल की चर्चा करेंगे। 

3. प्रभु राम से माफी मांगी

पीएम ने माहौल की दिव्यता को नमन किया. साथ ही राम से माफी भी मांगी. उन्होंने कहा, प्रभु राम से क्षमायाचना भी करता हूं. हमारे त्याग, तपस्या, पूजा में कोई तो कमी रह गई होगी कि जो हम इतने साल ये काम नहीं कर पाए। आज ये कमी पूरी हुई। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम हमें जरूर माफ कर देंगे. 

मोदी ने कहा कि, भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व पर कानूनी लड़ाई चली। मैं अदालत को धन्यवाद देता हूं कि उसने लाज रख ली।

4. देश दीपावली बना रहा है

मोदी ने कहा कि, आज शाम घर-घर दीए जलेंगे। जिस घड़ी राम समुद्र पार करने निकले थे, उसे कालचक्र बदला था। अब कालचक्र फिर बदलेगा।

मैं सौभाग्यशाली हूं कि अनुष्ठान के दौरान सागर से सरयू तक की यात्रा का मौका मिला और मुझे देश के कोने-कोने में रामायण सुनने का अवसर मिला।

5. जिसमें रम जाएं, उसी में राम है

मोदी ने ऋषियों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने कहा है कि जिसमें रम जाएं, उसी में राम है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों, अपनी-अपनी तरह राम को व्यक्त किया है। ये राम रस निरंतर बहता रहता है।

6. राम आग नहीं हैं, राम ऊर्जा हैं

कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बनने से आग लग जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राम मंदिर बनने से ऊर्जा पैदा हो रही है। यह ऊर्जा हमें एकता और समन्वय के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही है।

राम आग नहीं हैं, राम ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं हैं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम सबके हैं। राम वर्तमान नहीं हैं, राम अनंत काल हैं।

7. वसुधैव कुटुंबकम्

प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण भारत की संस्कृति और मानवीय मूल्यों की प्राण प्रतिष्ठा है। यह मंदिर सिर्फ एक देव मंदिर नहीं है, बल्कि भारत के दृष्टिकोण और दर्शन का मंदिर है। राम भारत के विचार और विधान हैं।

8. हमारे ही अंदर राम और हनुमान

पीएम ने कहा कि, राम भारत की चेतना, प्रवाह, प्रभाव, नेति और निरंतरता हैं। राम विश्व हैं, विश्वात्मा हैं। इसलिए जब राम की स्थापना होती है तो उसका प्रभाव हजारों वर्षों के लिए होता है।

हमारे ही अंदर राम, हनुमान हैं. हमें अपने अंतःकरण को विस्तार देना होगा। हनुमान जी की भक्ति और समर्पण ऐसे गुण हैं जो हमारे अंदर ही हैं। हमें इन गुणों को विकसित करना होगा।

9. राम और राष्ट्र

पीएम ने कहा कि, राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार होता है। हमें अपने देश के लिए अपना योगदान देना चाहिए। राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार है। चाहे मां शबरी हों या निषादराज, ये सब सब बंधनों से परे हैं. सब समान हैं. सबका योगदान है. यही सोच भारत के दिव्य और समर्थ बनने का कारण बनेगी.

10. भारत के उदय का साक्षी बनेगा राम मंदिर

आइए, संकल्प लें कि हम राष्ट्र के लिए अपना जीवन समर्पित करेंगे। हमें नित्य पराक्रम और पुरुषार्थ का प्रसाद प्रभु राम को चढ़ाना होगा। तभी हम भारत को वैभवशाली बना पाएंगे।

राम मंदिर भारत के उत्कर्ष और उदय का साक्षी बनेगा। यह मंदिर हमें सिखाता है कि लक्ष्य प्रमाणित हो तो उसे हासिल किया जा सकता है।