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सीएम की गाड़‍ियां बंद, फ्यूल में निकला पानी! जानिए कैसे पहचानें मिलावटी पेट्रोल-डीजल, यहां जानें तरीका

सीएम काफिले की गाड़ियों में मिलावटी डीजल मिलने की खबर से अफसरों में हड़कंप मच गया. बिना देर किए पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया और जांच शुरू हो गई है. यह मामला अब केवल एक तकनीकी गड़बड़ी नहीं, बल्कि एक बड़ी लापरवाही बन चुका है, जिससे सीख लेना जरूरी है.

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Edited By: Reepu Kumari
CM's vehicles stopped, water found in fuel! Know how to identify adulterated petrol and diesel
Courtesy: Pinterest

Petrol-Diesel: आपने दूध में पानी मिलाने की बात तो सुनी होगी. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि लोग पेट्रोल-डीजल में भी पानी मिलाकर बेचते हैं. हद तो तब हो गई जब ये सब मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव के साथ हुआ. चलिए जान लेते हैं पूरा मामला. मध्य प्रदेश में उस समय हड़कंप मच गया जब मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले की गाड़ियां अचानक बंद हो गईं. वजह थी फ्यूल में मिलावट.

सीएम काफिले की 19 इनोवा कारों में जिस पेट्रोल पंप से डीजल भरवाया गया था, उसमें पानी मिला हुआ निकला. इस घटना ने सबको चौका दिया और अब आम लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर हम कैसे पता लगाएं कि पेट्रोल या डीजल शुद्ध है या नहीं?

कैसे करें पेट्रोल-डीजल में मिलावट की पहचान?

1. फिल्टर पेपर से करें जांच

  • पेट्रोल पंप से फिल्टर पेपर मांगें. उस पर पेट्रोल या डीजल की दो बूंदें डालें और कुछ देर इंतज़ार करें.
  • अगर बूंद पूरी तरह उड़ जाए और कोई दाग न छोड़े, तो फ्यूल शुद्ध है.
  • अगर दाग रह जाए, तो समझिए फ्यूल मिलावटी है.

2. हाइड्रोमीटर से मापें घनत्व

  • टैंक में फ्यूल भरवाने के बाद उसमें हाइड्रोमीटर डालें.
  • पेट्रोल का घनत्व होना चाहिए 720–775 किग्रा/मी³
  • डीजल का घनत्व होना चाहिए 820–860 किग्रा/मी³
  • अगर इसमें गड़बड़ी मिले, तो फ्यूल मिलावटी है.

मिलावटी फ्यूल से क्या होता है नुकसान?

  • गाड़ी का इंजन अचानक बंद हो सकता है.
  • इंजन की उम्र कम हो जाती है.
  • माइलेज घट जाता है.
  • फ्यूल टैंक में जंग लग सकता है.
  • स्पार्क प्लग और साइलेंसर खराब हो सकते हैं.

प्रशासन ने दिखाई सख्ती

सीएम काफिले की गाड़ियों में मिलावटी डीजल मिलने की खबर से अफसरों में हड़कंप मच गया. बिना देर किए पेट्रोल पंप को सील कर दिया गया और जांच शुरू हो गई है. यह मामला अब केवल एक तकनीकी गड़बड़ी नहीं, बल्कि एक बड़ी लापरवाही बन चुका है, जिससे सीख लेना जरूरी है.

दरअसल, मामला डोसीगांव के 'शक्ति फ्यूल्स' पेट्रोल पंप का है, जहां से डीजल भरवाने के बाद एक-एक कर मुख्यमंत्री की गाड़ियां रुकती चली गईं. जब ड्राइवरों ने टंकी चेक की, तो मालूम पड़ा कि डीजल में 10 लीटर तक पानी मिलाया गया था. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और पेट्रोल पंप को तुरंत सीज कर दिया गया.