देश के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ICICI Bank ने मिनिमम एवरेज बैलेंस नियम में बड़ा बदलाव किया है. बैंक ने हाल ही में नए ग्राहकों के लिए शहरी क्षेत्रों में यह सीमा 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार कर दी थी. जिस पर ग्राहकों ने जोरदार विरोध किया था. वहीं अब बैंक ने इसे घटाकर 15,000 रुपये कर दिया है, जबकि अर्ध शहरी क्षेत्रों में भी MAB में बड़ी कटौती की गई है.
ICICI Bank ने बुधवार को शहरी क्षेत्रों में नए बचत खाता धारकों के लिए बड़ी घोषणा की है. बैंक ने बताया कि अब खाते में न्यूनतम औसत बैलेंस (MAB) अब 15,000 रुपये होगा, जो पहले 50 हजार रुपये कर दिया गया था. नए ग्राहकों को बैंक के इस फैसले से काफी राहत मिलेगी. हालांकि यह अब भी पुराने 10,000 रुपये की सीमा से 5 हजार अधिक है.
बैंक ने अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए ग्राहकों के लिए MAB को 25,000 रुपये से घटाकर 7,500 रुपये कर दिया है. वहीं, ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में पुराने ग्राहकों के लिए यह सीमा पहले की तरह 5,000 रुपये ही रहेगी. इस बदलाव से छोटे कस्बों और गांवों के ग्राहकों पर वित्तीय दबाव कम होगा.
बैंक का यह कदम ग्राहकों के तीखे विरोध के बाद आया है. कुछ दिन पहले जब आईसीआईसीआई बैंक ने MAB को 50,000 रुपये कर दिया था, तब सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर ग्राहकों ने बैंक की आलोचना की थी. यह फैसला देश के अन्य बैंकों की नीति के विपरीत था, जो हाल के वर्षों में न्यूनतम बैलेंस से जुड़े नियमों को सरल बना चुके हैं.
भारत के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 2020 में न्यूनतम बैलेंस नियम पूरी तरह खत्म कर दिया था. अधिकांश निजी और सरकारी बैंक MAB को 2,000 से 10,000 रुपये के बीच रखते हैं. आईसीआईसीआई बैंक का नया संशोधित नियम इस औसत से थोड़ा अधिक है, लेकिन पहले की तुलना में ग्राहकों के लिए काफी आसान हो गया है.