Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण छठी बार 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करने के लिए तैयार हैं. पिछले कुछ बजट की तरह इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि मेक इन इंडिया को लेकर कुछ बड़े एलान होंगे.
मेक इंडिया के अलावा टेक कंपनियां इंपोर्ट ड्यूटी को कम कराना चाहती हैं. असल में इलेक्ट्रॉनिक के लिए भारत में कच्चे माल का उत्पादन नहीं होता है. ड्यूटी कम होगी तो थोक में कच्चा माल मंगाया जा सकेगा. तकनीकी कंपनियों को आयात के लिए चीन, वियतनाम, ताइवान, साउथ अफ्रीका जैसे देशों पर निर्भर रहना होता है.
आम बजट 2021 (Union Budget 2021) अपने आप में टेक के मामले में ऐतिहासिक था. भारत में पहली बार ऐसा हुआ है जब बजट की छपाई कागजों पर नहीं हुई. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये बजट 2021 टैबलेट पर पेश किया गया. ये टैबलेट भी भारत में बनाई गई थी.
आजकल मोबाइल एप पर कई चीजें संभव हैं. मोबाइल बैकिंग भी धड़ल्ले से हो रही है. ऐसे ही मोबाइल एप पर साल 2021 का बजट लॉन्च किया गया. खास बात ये है कि एप आज भी गूगल प्ले-स्टोर और एपल के एप स्टोर पर फ्री में उपलब्ध है. इस बजट की पूरी कॉपी को एप पर अपलोड किया गया था. इस स्पेशल मोबाइल एप को राष्ट्रीय सूचना केंद्र (NIC) ने तैयार किया है. यह एप हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जानकारी उपलब्ध कराती है.
इस बजट में सरकार ने आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया था. ये आयात शुल्क मोबाइल फोन के पुर्जों और चार्जर के साथ कई इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट पर लगा था. सरकार का मानना था कि इससे घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा. सरकार के इस फैसले से हालांकि यूजर्स को बहुत मजा नहीं आया होगा क्योंकि मोबाइल फोन के साथ चार्जर, केबल जैसे कई गैजेट और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट महंगे हुए, जिससे युवाओं पर सीधा प्रभाव पड़ा.
सरकार ने बजट 2021 में तार (सभी तरह के तार, केबल) पर आयात शुल्क 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया गया.
मोबाइल फोन के कुछ हिस्सों पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है. पहले, मोबाइल फोन के सर्किट, कैमरे के हिस्से, कनेक्टर्स, बैक कवर, साइड बटन, चार्जर और एडाप्टर पर कोई आयात शुल्क नहीं लगता था. अब, इन पर 2.5 से 10% तक का आयात शुल्क लगेगा.
फोन की सर्किट, कैमरा सेटअप और चार्जिंग पोर्ट पर 2.5% का आयात शुल्क लगेगा. चार्जर और इसके हिस्सों पर 15% का आयात शुल्क लगाया गया.
बैटरी पर पहले कोई आयात शुल्क नहीं लगता था। अब, लिथियम आयन बैटरी या बैटरी के पैक के इनपुट या कच्चे लिथियम आयन प्रोडक्ट पर 2.5% का आयात शुल्क लगेगा.
बजट से पहले एलईडी लैंप और लैंप के सर्किट पर पर 5 फीसदी का आयात शुल्क था जो कि अप्रैल 2021 से 10 फीसदी हो गया. सोलर लालटेन पर लगने वाले आयात शुल्क को 5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी किया गया, वहीं सोलर इंवर्टर पर यह शुल्क 5 से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया. इलेक्ट्रॉनिक खिलौने और उनके पार्ट्स पर भी आयात शुल्क को 5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया.
एलईडी लैंप और लैंप के सर्किट पर पहले 5% का आयात शुल्क लगता था. अब, यह 10% हो गया था.
सोलर लालटेन पर लगने वाला आयात शुल्क 5% से बढ़ाकर 15% कर दिया गया। सोलर इंवर्टर पर यह शुल्क 5 से बढ़ाकर 20% कर दिया गया। इलेक्ट्रॉनिक खिलौने और उनके हिस्सों पर लगने वाला आयात शुल्क 5% से बढ़ाकर 15% कर दिया गया है।
यह वृद्धि मोबाइल फोन, एलईडी लैंप, सोलर लालटेन, सोलर इंवर्टर और इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों की कीमतों में वृद्धि का कारण बनी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट को पेश करते हुए माइक्रो चिप से लैस ई-पासपोर्ट की घोषणा की थी.
इसके अलावा प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के लिए 2022-23 के लिए 5G मोबाइल सर्विस के स्पेक्ट्रम की नीलामी की घोषणा हुई थी.
मोबाइल कैमरे के लेंस और चार्जर पर आयात शुक्ल छूट के चलते ये गैजेट सस्ते हुए. इतना ही नहीं, डिजिटल रुपये की घोषणा हुई.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए वर्तमान समय में धूम मचाने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए तीन बेहतरीन संस्थानों की स्थापना की घोषणा की.
पिछले बजट में 5G के स्पेक्ट्रम की नीलामी की बात हुई थी तो अब इसके विकास के लिए भी कई सेंटर ओपन करने की घोषणा हुई. 5G सर्विस के तहत इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 लैब्स का गठन किया गया.
सरकार का आगामी बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है. इस बजट को लेकर लोगों में काफी उम्मीदें हैं. एक उम्मीद यह है कि इलेक्ट्रॉनिक आइटम सस्ते हो सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार इंपोर्ट ड्यूटी को कम कर सकती है.
कुछ दिन पहले ही ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्टफोन बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी को कम किया जा सकता है. जानकारों के मुताबिक सरकार के इस कदम से मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा.
इंपोर्ट ड्यूटी में राहत से भारत का घरेलू उत्पादन 28 फीसदी तक बढ़ सकता है और स्मार्टफोन प्रोडक्शन का मार्केट 82 बिलियन डॉलर तक जा सकता है. ऐसा होने से हालांकि प्रीमियम फोन ही ज्यादा सस्ते होंगे, क्योंकि बजट फोन पर इसका कोई ज्यादा असर नहीं होगा.