menu-icon
India Daily
share--v1

क्यों पत्थर बन गई थीं गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या? श्रीराम ने कैसे किया उनका उद्धार

Ramayana Facts: त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम ने कईयों का उद्धार किया था. इनमें से एक ऐसी स्त्री का भी प्रभु ने उद्धार किया था, जो अपने पति के श्राप के चलते पत्थर बन गई थीं. जब प्रभु राम ने उस पत्थर को स्पर्श किया तो वापस सुंदर नारी बन गईं. आइए जानते हैं कि उनको उनके पति ने श्राप क्यो दिया था. 

auth-image
India Daily Live
rama
Courtesy: pexels

Ramayana Facts: भगवान श्रीहरि विष्णु के अवतार प्रभु श्रीराम की लीला अपरंपार है. प्रभु श्रीराम ने त्रेतायुग में हर किसी कई श्रापितों का उद्धार किया था. इसी प्रकार उन्होंने एक बेहद खूबसूरत और अपने पति के श्राप से पत्थर बनी स्त्री को श्राप से मुक्त कर दिया था. 

रामायण काल में जब प्रभु श्रीराम और लक्ष्मण वन में विहार करते हुए गौतम ऋषि के आश्रम के बाहर पहुंचे तो प्रभु श्रीराम के चरण एक शिला पर पडे तो शिला एक सुंदर स्त्री अहिल्या में परिवर्तित हो गई. उन्होंने प्रभु श्रीराम का धन्यवाद देते हुए कहा कि हे प्रभु अपने पति के श्राप से मैं यहां पत्थर बनी थीं और आपने मुझपर कृपा करके मेरा उद्धार कर दिया है. 

कौन थीं अहिल्या?

अहिल्या देवी ब्रह्माजी की मानस पुत्री थीं. अहिल्या बेहद खूबसूरत और सभी गुणों से संपन्न थीं. उनके रूप के इंद्रदेव भी कायल थे. राजा इंद्र स्वयं अहिल्या से विवाह करना चाहते थे. वहीं, ब्रह्मा जी ने अहिल्या के विवाह के लिए एक शर्त रखी थी कि जो भी व्यक्ति तीनों लोगों की परिक्रमा सबसे पहले करके आएगा. उसका विवाह अहिल्या के साथ कर दिया जाएगा. इस पर इंद्र देव और गौतम ऋषि समेत कई देवताओं ने अहिल्या से विवाह करने के लिए तीनों लोकों की परिक्रमा शुरू कर दी, लेकिन गौतम ऋषि ने परिक्रमा के दौरान गर्भवती कामधेनु गाय को देखा तो उन्होंने उस गाय की परिक्रमा की. ब्रह्मा जी ने कहा कि कामधेनु गाय तीनों लोकों में श्रेष्ठ है.इस कारण ब्रह्माजी ने अहिल्या का विवाह गौतम ऋषि के साथ करवा दिया. 

इंद्र हो गए क्रोधित 

जब अहिल्या का विवाह गौतम ऋषि के साथ हो गया तो इंद्र क्रोधित हो गए. उन्होंने बदला लेने के लिए एक तरकीब निकाली. उन्होंने देखा कि गौतम ऋषि सुबह नित्यकर्म करने बाहर जाते हैं और नदी में स्नान करने के बाद ही वापस आते हैं. इसको देखकर इंद्र देव ने अपनी शक्ति से भोर का वातावरण बना दिया. गौतम ऋषि को लगा कि सुबह हो गई है और वे रात में ही नित्यकर्म करने निकल पड़े. अच्छा मौका पाकर इंद्र गौतम ऋषि को भेष बदलकर अहिल्या के पास पहुंच गए . जब ऋषि ने देखा कि अभी भोर नहीं हुई और उनके साथ छल किया गया है तो वे वापस कुटिया में लौट आए. यहां पर उन्होंने अहिल्या के साथ देवराज इंद्र को देखा तो वे क्रोधित हो गए. 

अहिल्या और इंद्र को दे दिया श्राप

गौतम ऋषि ने क्रोध में आकर अहिल्या को पत्थर बनने का श्राप दे दिया और इंद्र को श्राप दिया कि तुम्हारे पूर शरीर पर योनियां आ जाएं. श्राप के चलते इंद्र के शरीर पर हजारों योनियां आ गईं. इंद्र को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने गौतम ऋषि से क्षमा याचना की . इसपर ऋषि ने कहा कि जब आप स्वर्ग जाएंगे तो यह योनियां आंखों में परिवर्तित हो जाएंगी और ऐसा ही हुआ. इसी कारण इंद्र के शरीर पर कई आंखें थीं. वहीं, अहिल्या ने गौतम ऋषि से कहा कि उनकी कोई गलती नहीं है, वे इंद्र के कपट को पहचान नहीं पाईं क्योंकि इंद्र ने उनका भेष रख रखा था. इस पर गौतम ऋषि ने कहा कि वे श्राप तो वापस नहीं ले सकते हैं, लेकिन जब त्रेतायुग में भगवान श्रीहरिविष्णु अवतार लेकर पृथ्वी पर आएंगे तो उनके चरण पड़ते ही तुम दोबारा सुंदर स्त्री बन जाओगी. 

प्रभु श्रीराम के रूप में आए भगवान विष्णु

त्रेतायुग में जब भगवान श्रीहरि विष्णु प्रभु श्रीराम के अवतार में आए तो वन में विहार करते समय वे लक्ष्मण जी के साथ गौतम ऋषि के आश्रम पहुंचे तो उनके चरण एक शिला पर पड़े. प्रभु श्रीराम के चरण पड़ते ही शिला एक सुंदर स्त्री में परिवर्तित हो गई. उस सुंदर स्त्री ने प्रभु श्रीराम को बताया कि उनका नाम अहिल्या है और अपने पति गौतम ऋषि के श्राप के चलते वे पत्थर की हो गई थीं. आपके चरण पड़ते ही मैं वापस अपने रूप में आ गई हूं. आपने मेरा उद्धार किया है. इस पर प्रभु श्रीराम ने उनको आशीर्वाद प्रदान किया. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.