Uttarakhand Plane Crash: केदारनाथ से लौटते समय रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड में हुए हेलीकॉप्टर हादसे के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कहते हुए हेलीकॉप्टर संचालन की निगरानी और समन्वय के लिए देहरादून में एक केंद्रीकृत 'कमांड एंड कोऑर्डिनेशन सेंटर' स्थापित करने की भी घोषणा की.
हादसे का शिकार हुआ हेलीकॉप्टर आर्यन एविएशन कंपनी का था, जो केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर जा रहा था. जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे के अनुसार, घाटी में अचानक मौसम खराब हो गया, जिसके बाद पायलट ने हेलीकॉप्टर को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली और विमान क्रैश हो गया.
मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून स्थित अपने आवास पर आपात बैठक की, जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA), आपदा प्रबंधन विभाग और निजी हेलीकॉप्टर कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने कहा, 'राज्य के नागरिकों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा.'
एहतियातन चारधाम यात्रा पर जाने वाली सभी हेलीकॉप्टर सेवाओं को सोमवार तक अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है. इस दौरान हिमालयी क्षेत्र में उड़ान भरने वाले सभी पायलटों और ऑपरेटरों की योग्यता और अनुभव की समीक्षा की जाएगी. इसके बाद ही सेवाओं को दोबारा शुरू करने पर निर्णय होगा.
मुख्यमंत्री ने गृह सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने के आदेश भी दिए हैं, जिसमें डीजीसीए, UCADA, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और एटीसी के प्रतिनिधि शामिल होंगे. यह समिति हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करेगी और सितंबर तक अपनी रिपोर्ट देगी.
सीएम धामी ने पहाड़ी क्षेत्रों में रीयल टाइम और सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रणाली स्थापित करने के निर्देश भी दिए ताकि उड़ानों की सुरक्षा बढ़ाई जा सके. उन्होंने डीजीसीए के दिशा-निर्देशों को और अधिक सख्त बनाने और 100% अनुपालन सुनिश्चित करने पर भी बल दिया.
मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन को मृतकों के परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने और उनके पार्थिव शरीर को सम्मानपूर्वक गृह राज्य भेजने के निर्देश दिए हैं.