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India Daily

'डोगेश भाई' सोशल मीडिया पर बने हीरो, पालतू जर्मन शेफर्ड ने आवारा कुत्ते से बच्चों की कैसे बचाई जान, देखें वायरल वीडियो

ऋषिकेश में एक पालतू जर्मन शेफर्ड ने बच्चों को आवारा कुत्ते से बचाकर सोशल मीडिया पर ‘डोगेश भाई’ नाम से शोहरत पाई. यह घटना तब चर्चा में आई जब सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों से हटाने का आदेश दिया और उनकी नसबंदी व स्थायी आश्रय की व्यवस्था करने के निर्देश दिए.

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Edited By: Km Jaya
Rishikesh Dogesh bhai
Courtesy: Social Media

Rishikesh Dogesh Bhai Video: ऋषिकेश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक पालतू जर्मन शेफर्ड ने बच्चों को आवारा कुत्ते से बचाकर लोगों का दिल जीत लिया. वीडियो में यह कुत्ता, जिसे इंटरनेट यूजर्स ने मजाकिया अंदाज में 'डोगेश भाई' नाम दिया है, घर की गैलरी में खड़ा दिखाई देता है. जैसे ही वह कुछ बच्चों के पीछे एक आवारा कुत्ते को देखता है, तुरंत ऊंची दीवार से छलांग लगाकर उसकी ओर दौड़ता है. डरकर आवारा कुत्ता भाग जाता है और बच्चे राहत महसूस करते हैं.

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक कुत्ता सुपरहीरो की तरह बच्चों को बचाने कूद पड़ा जिसे कैप्शन के साथ पोस्ट किया गया था. कुछ ही घंटों में इसे एक लाख से ज्यादा बार देखा गया और हजारों लोगों ने जर्मन शेफर्ड की तेज प्रतिक्रिया और सुरक्षा भावना की सराहना की. एक यूजर ने लिखा कि कुत्ते इंसानों से ज्यादा वफादार होते हैं, फिर साबित हो गया. तो किसी ने कहा कि शाबाश डोगेश भाई, बच्चों को सच्चे बॉडीगार्ड की तरह बचाया. कई यूजर्स ने उन्हें आज का असली हीरो बताया.

देखें वायरल वीडियो

सुप्रीम कोर्ट का आवारा कुत्तों पर कड़ा रुख

यह वीडियो ऐसे समय पर सामने आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के हमलों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद की सरकार व प्रशासन को आठ हफ्तों के भीतर सभी आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थानों से हटाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने निर्देश दिए कि पकड़े गए कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद स्थायी आश्रयों में रखा जाए, जिनकी क्षमता 5,000 कुत्तों की हो. इन कुत्तों को दोबारा सड़कों या कॉलोनियों में छोड़ा न जाए.

भावनाओं का नहीं कार्रवाई का समय 

जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन की बेंच ने कहा कि किसी भी कीमत पर छोटे बच्चों को रैबीज का शिकार नहीं होने देना चाहिए. यह भावनाओं का समय नहीं, बल्कि कार्रवाई का समय है. कोर्ट ने प्रशासन को चेतावनी दी कि प्रक्रिया में देरी या बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद देश में आवारा कुत्तों को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है.