menu-icon
India Daily

Kedarnath Helicopter Crash: केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे की वजह क्या हो सकती है? अधिकारियों ने बताई संभावित वजह

Kedarnath Helicopter Crash: केदारनाथ हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं और बचाव कार्य शुरू किया. स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्य जारी है.

auth-image
Edited By: Anvi Shukla
Kedarnath Helicopter Crash
Courtesy: social media

Kedarnath Helicopter Crash: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में रविवार सुबह करीब 5:20 बजे एक बड़ा हादसा हो गया, जब श्री केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी जा रहा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हेलीकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें पायलट भी शामिल था. यह हादसा उस वक्त हुआ जब चॉपर गौरिकुंड के ऊपर से उड़ान भर रहा था.

रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने जानकारी दी कि दुर्घटना गौरिकुंड के जंगलों के ऊपर उस समय हुई जब क्षेत्र में घना कोहरा और खराब मौसम था, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई थी.

खराब मौसम बनी हादसे की वजह?

अभी तक दुर्घटना के पीछे की सटीक वजह सामने नहीं आई है, लेकिन शुरुआती जांच और सूत्रों के अनुसार खराब मौसम इस हादसे का मुख्य कारण हो सकता है. जिस समय हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, उस वक्त इलाके में दृश्यता बेहद कम थी और मौसम खराब चल रहा था. गढ़वाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) राजीव स्वरूप ने बताया कि दुर्घटना स्थल बेहद दुर्गम क्षेत्र में स्थित है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में चुनौतियां आईं.

आर्यन एविएशन का था हेलीकॉप्टर

सूत्रों के मुताबिक, यह हेलीकॉप्टर आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का था और यह गौरिकुंड और त्रिजुगी नारायण के बीच उड़ान भर रहा था, तभी यह केदारघाटी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे के बाद हेलीकॉप्टर में आग लग गई.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, 'रुद्रप्रयाग जनपद में हेलीकॉप्टर दुर्घटना की दुखद सूचना प्राप्त हुई है. SDRF, स्थानीय प्रशासन और अन्य राहत दल मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं. यात्रियों की सलामती के लिए दुआ करता हूं.'

घटना के तुरंत बाद राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की टीमें मौके पर रवाना कर दी गईं. स्थानीय प्रशासन भी लगातार राहत एवं बचाव कार्यों में सक्रिय है.