Uttarakhand News: उत्तराखंड में अवैध धर्मांतरण पर अब सरकार ने कड़ा रुख अपना लिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में 'उत्तराखंड धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक' को मंजूरी दी गई. इस नए कानून में पहले से भी ज्यादा सख्त प्रावधान जोड़े गए हैं, जिनमें डिजिटल मीडिया के जरिए धर्मांतरण का प्रचार करने पर प्रतिबंध, पीड़ितों को सुरक्षा और मुआवजा और सख्त सजा शामिल है.
इस बिल के तहत, अगर कोई व्यक्ति झूठी पहचान से शादी करता है या सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप्स या किसी भी ऑनलाइन माध्यम से धर्म बदलने के लिए उकसाता है, तो यह अपराध माना जाएगा. इतना ही नहीं, बिल में प्रलोभन की परिभाषा को भी बड़ा कर दिया गया है. अब इसमें तोहफे, नकद या सामान, नौकरी, मुफ्त शिक्षा, शादी का वादा, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना या दूसरे धर्म की महिमा गाना ये सब अपराध की श्रेणी में आएंगे.
Dehradun | Uttarakhand Cabinet approves the Uttarakhand Freedom of Religion (Amendment) Bill, 2025, during a meeting held yesterday under the chairmanship of CM Pushkar Singh Dhami.
The Bill includes punishment for marriage by false identity and incitement for conversion through…— ANI (@ANI) August 14, 2025Also Read
डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर धर्म परिवर्तन का प्रचार करना अब पूरी तरह से प्रतिबंधित है और इसके लिए जेल की सजा भी तय की गई है.
बिल में पीड़ितों के सुरक्षा, पुनर्वास, इलाज, यात्रा और गुजारे के खर्च का भी ध्यान रखा गया है. राज्य सरकार का कहना है कि इस कानून से नागरिकों के धार्मिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे, धोखे, प्रलोभन या दबाव से होने वाले धर्मांतरण पर रोक लगेगी और समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहेगा.
इसके अलावा बुधवार को मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून नगर निगम क्षेत्र में केदारपुरम में योगा पार्क और कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया. उन्होंने AI चैटबॉट 'निगम सारथी' लॉन्च किया और ग्रीन पॉलिसी दस्तावेज का विमोचन किया. मुख्यमंत्री ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत रुद्राक्ष का पौधा लगाया, जो इस साल नगर निगम क्षेत्र में लगाया गया एक लाखवां पौधा था. कार्यक्रम में उन्होंने स्वच्छता सम्मान सेनानियों और टैक्स इंस्पेक्टर्स को सम्मानित किया और सामूहिक नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई.