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India Daily

'मस्जिद विवादित ढांचा नहीं', मथुरा में शाही ईदगाह को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष को दिया झटका

यह याचिका 5 मार्च 2025 को हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी, जिस पर बहस पूरी हो चुकी थी. हिंदू पक्ष के अन्य वकीलों ने भी महेंद्र प्रताप सिंह की दलीलों का समर्थन किया था.

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Edited By: Reepu Kumari
 Mathura Mandir Masjid News
Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार इलाहाबाद हाईकोर्ट से हिंदू पक्ष को बड़ा झटका लगा है. अदालत ने शाही ईदगाह मस्जिद को 'विवादित ढांचा' घोषित करने की मांग को खारिज कर दिया है. इस फैसले से न सिर्फ कोर्टरूम में मौजूद हिंदू पक्षकार निराश हुए, बल्कि अब पूरे देश में एक बार फिर यह मुद्दा चर्चा में आ गया है.

इस केस की सुनवाई जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्र की बेंच ने की. हिंदू पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने कोर्ट में कई ऐतिहासिक दस्तावेजों और किताबों का हवाला देकर दलील दी थी कि जिस जगह मस्जिद है, वहां पहले मंदिर था. लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार नहीं की और मस्जिद को विवादित ढांचा घोषित करने से साफ इनकार कर दिया.

कोर्ट में क्या मांग रखी गई थी?

हिंदू पक्ष की ओर से कहा गया था कि शाही ईदगाह मस्जिद का कोई वैध रिकॉर्ड नहीं है – न खसरा खतौनी में, न नगर निगम के दस्तावेजों में, न ही बिजली या टैक्स भुगतान का कोई प्रमाण. इसलिए इसे मस्जिद नहीं माना जाना चाहिए और इसे विवादित ढांचे का दर्जा दिया जाए.

कोर्ट का जवाब क्या रहा?

कोर्ट ने इन दलीलों को पर्याप्त नहीं माना और कहा कि सिर्फ ऐतिहासिक किताबों या प्राचीन संदर्भों के आधार पर किसी मौजूदा धार्मिक स्थल को विवादित ढांचा घोषित नहीं किया जा सकता.

कब दाखिल की गई थी याचिका?

यह याचिका 5 मार्च 2025 को हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी, जिस पर बहस पूरी हो चुकी थी. हिंदू पक्ष के अन्य वकीलों ने भी महेंद्र प्रताप सिंह की दलीलों का समर्थन किया था.

आगे क्या?

अब हिंदू पक्षकार अगली कानूनी रणनीति पर विचार कर रहे हैं. संभावना है कि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करे.