Banke Bihari Temple: उत्तर प्रदेश के मथुरा में प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है. सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद सोमवार से मंदिर परिसर के पास जमीन का सर्वे शुरू कर दिया गया है. इस सर्वे के साथ ही 500 करोड़ रुपये के प्रस्तावित कॉरिडोर प्रोजेक्ट की शुरुआत मानी जा रही है.
लेकिन इस फैसले से स्थानीय लोग और मंदिर के सेवायत बेहद नाराज हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि इस प्रोजेक्ट के जरिए सरकार मंदिर की पारंपरिक और धार्मिक व्यवस्था को खत्म करने की कोशिश कर रही है.
मथुरा के जिलाधिकारी सीपी सिंह ने बताया कि यह योजना श्रद्धालुओं को सुरक्षित और व्यवस्थित दर्शन की सुविधा देने के लिए लाई जा रही है. अधिकारियों ने कहा है कि मंदिर के अंदर की परंपराओं और सेवायतों के अधिकारों को नहीं छुआ जाएगा, केवल बाहर के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा.
मंदिर के सेवायत ज्ञानेंद्र किशोर गोस्वामी ने इस परियोजना पर कड़ा विरोध जताते हुए कहा, 'इस कॉरिडोर और प्रस्तावित ट्रस्ट से मंदिर की मूल पहचान और परंपरा को खतरा है. सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है और हमारी बात नहीं सुनी जा रही.' उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि न तो स्थानीय लोगों से और न ही सेवायतों से इस योजना को लेकर कोई बातचीत या सहमति ली गई है.
2022 में जन्माष्टमी के दौरान भीड़ में भगदड़ जैसी घटना हुई थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितंबर 2023 में आदेश दिया कि भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए कॉरिडोर योजना बनाई जाए. 15 मई 2024 को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने राज्य सरकार को करीब पांच एकड़ जमीन के अधिग्रहण की अनुमति दी है, जो मंदिर के फंड से की जाएगी.