मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने अवैध दवा निर्माण कारखाने का भंडाफोड़ किया है. दरअसल, डीआरआई ने खुफिया जानकारी के आधार पर भोपाल में एक गुप्त मेफेड्रोन निर्माण कारखाने का भंडाफोड़ किया. इस कार्रवाई, जिसका कोड नाम "ऑपरेशन क्रिस्टल ब्रेक" था, इसमें सूरत और मुंबई पुलिस ने भी सहयोग किया. ऑपरेशन के दौरान 7 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और 92 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 16 अगस्त 2025 को भोपाल के हुज़ूर-तहसील, ग्राम-जगदीशपुर (इस्लामनगर) में छापेमारी के दौरान डीआरआई ने 61.20 किलोग्राम मेफेड्रोन को बरामद किया, जिसकी मार्केट कीमत 92 करोड़ रुपये है. इसके साथ ही, 541.53 किलोग्राम कच्चा माल, जिसमें मेथिलीन डाइक्लोराइड, एसीटोन, मोनोमेथिलमाइन, हाइड्रोक्लोरिक एसिड और 2-ब्रोमो शामिल हैं, साथ ही उपकरण भी जब्त किए गए. डीआरआई ने बताया कि एकांत परिसर में छिपी इस यूनिट पर चतुराई से छापा मारा, जहां मेफेड्रोन बनाने वाला केमिस्ट सहित दो लोग अवैध उत्पादन में शामिल पाए गए.
VIDEO | Madhya Pradesh: Directorate of Revenue Intelligence (DRI) busts illicit drug manufacturing factory in Bhopal; seizes 61.2 kg Mephedrone worth Rs 92 crore; seven held.
— Press Trust of India (@PTI_News) August 18, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/c7dyu02kZj
ड्रग कार्टेल के खिलाफ त्वरित कार्रवाई
इस ऑपरेशन में उत्तर प्रदेश के बस्ती में कार्टेल के एक प्रमुख सदस्य को गिरफ्तार किया गया, जो भिवंडी (मुंबई) से भोपाल तक कच्चे माल की आपूर्ति की देखरेख करता था. मुंबई में दो सप्लायर और रसायनों के ट्रांसपोर्ट के लिए जिम्मेदार शख्स को भी हिरासत में लिया गया. सूरत में हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर करने वाले एक अन्य सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है. शुरुआती जांच से पता चला कि यह नेटवर्क एक विदेशी ऑपरेटर के निर्देश पर काम कर रहा था.
मेफेड्रोन का खतरा
मेफेड्रोन, एक मनोविकार नाशक पदार्थ, स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के तहत लिस्टेड है. इसके मनो-सक्रिय गुण कोकीन और एम्फ़ैटेमिन जैसे प्रभाव पैदा करते हैं, जो समाज के लिए गंभीर खतरा है. डीआरआई ने पिछले एक साल में छठी बार ऐसी अवैध फैक्ट्री को ध्वस्त किया है.