राज्यसभा में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर हुई विशेष चर्चा के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई सुरक्षा चूक, खुफिया तंत्र की नाकामी, और सरकार के रवैये पर सवाल उठाए. संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमेरिका की मध्यस्थता स्वीकार करने का आरोप लगाते हुए इसे भारत की भावनाओं के साथ विश्वासघात बताया. साथ ही, उन्होंने पहलगाम हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी और सरकार की नीतियों पर तीखी आलोचना की.
संजय सिंह ने अपने भाषण की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की. उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में कश्मीर के 16 लोग मारे गए और भारतीय सेना के कई जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया. संजय सिंह ने भारतीय सेना की वीरता को बार-बार सलाम किया, लेकिन साथ ही सरकार की नाकामी पर सवाल उठाए.
उन्होंने कहा, “हम भारत के बहादुर सेना की वीरता को बार-बार प्रणाम करेंगे, लेकिन सरकार के नकारेपन पर हजार बार सवाल पूछेंगे.” संजय सिंह ने पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए पूछा कि पांच खूंखार आतंकवादी भारत की सीमा में 200 किलोमीटर अंदर तक कैसे घुस गए? खुफिया तंत्र की इस विफलता के लिए कौन जिम्मेदार है?
संजय सिंह ने पहलगाम के बैसरन में हुए आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए. उन्होंने बताया कि सर्वदलीय बैठक में सरकार ने दावा किया था कि बैसरन घाटी केवल अमरनाथ यात्रा के दौरान ही खुलती है. लेकिन बाद में पता चला कि यह घाटी हमेशा खुली रहती है, और वहां कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं थे. संजय सिंह ने कहा, “लोग चीखते-चिल्लाते रहे. मदद मांगते रहे, लेकिन उनकी मदद करने वाला कोई नहीं था.” उन्होंने कानपुर में शहीद शुभम द्विवेदी के परिवार से अपनी मुलाकात का जिक्र किया. शुभम की पत्नी और पिता का दुख बयां करते हुए उन्होंने कहा, “उनके पिता रोकर एक ही बात कही कि हमारे बेटे ने देश के लिए शहादत दी है, जो लोग इसमें मारे गए हैं, उनको कम से कम शहीद का दर्जा दिया जाए.” संजय सिंह ने सरकार से मांग की कि पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को शहीद का दर्जा दिया जाए और उनके परिवारों को उचित सम्मान और सहायता प्रदान की जाए.
संजय सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका की मध्यस्थता को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से भारत का रुख स्पष्ट रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा. लेकिन, “अगर इस स्टैंड के साथ किसी ने धोखा और विश्वासघात किया है तो उसका नाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है.” उन्होंने बताया कि 10 मई को सीजफायर की घोषणा भारत की धरती से नहीं, बल्कि अमेरिका से हुई. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की जानकारी दी. इसके बाद अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वैंस और सेक्रेटरी रूबियो ने भी इसकी पुष्टि की. संजय सिंह ने सवाल उठाया कि जब भारतीय सेना युद्ध लड़ रही थी, तब भारत सरकार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख आसीम मलिक से बात क्यों कर रही थी? “8 मई को जब भारतीय सेना लड़ रही थी, तब भारत सरकार आईएसआई प्रमुख आसीम मलिक से बात कर रही थी. जो आतंकवाद को जन्म देते हैं, उससे भारत सरकार बात करती है.”
संजय सिंह ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की एंटी-टेररिस्ट कमेटी का उपाध्यक्ष बनाए जाने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति अमेरिका के इशारे पर हुई, जो भारत के हितों के खिलाफ है. “पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को 10 साल अपने घर में छिपाकर रखा. पाकिस्तान में मसूद अजहर, हाफिज सईद जैसे आतंकवादी हैं. पाकिस्तान ने मुंबई, संसद, अक्षरधाम, उरी, और पुलवामा जैसे हमलों को अंजाम दिया. फिर भी उसे संयुक्त राष्ट्र में उपाध्यक्ष बनाया गया.” संजय सिंह ने सरकार से पूछा कि जब पहलगाम में हमारी बहनें गिड़गिड़ा रही थीं, तब आतंकवादी नहीं माने, लेकिन सरकार पाकिस्तान की गिड़गिड़ाहट पर कैसे मान गई? “पाकिस्तान के डीजीएमओ ने कह दिया कि अब कोई घटना नहीं होगी और भारत सरकार उनकी बात मान गई.”
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद जब पूरा देश उम्मीद कर रहा था कि प्रधानमंत्री पहलगाम जाएंगे और पीड़ित परिवारों से मिलेंगे, तब वह बिहार में चुनाव प्रचार करने चले गए. “प्रधानमंत्री 24 अप्रैल को बिहार में चुनाव प्रचार करने गए. 1 मई को महाराष्ट्र, केरल और आंध्र प्रदेश में उद्घाटन करने गए. फिल्मी सितारों को संबोधित करने गए, लेकिन पहलगाम में मारे गए लोगों की पीड़ा जानने नहीं गए.” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “प्रधानमंत्री अवतार हैं, इंसान नहीं हैं. वह अदृश्य रहकर भी कहीं पर प्रकट हो सकते हैं, उनको शारीरिक रूप से कहीं आना नहीं होता है. वह नॉन बायलोजिकल हैं.” संजय सिंह ने यह भी कहा कि इतने गंभीर विषय पर दोनों सदनों में चर्चा हो रही थी, लेकिन “18 घंटे काम करने वाले प्रधानमंत्री दो घंटे भी किसी सदन में उपस्थित नहीं रहे.”
संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर सेना के सम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि तीन साल तक सेना में भर्ती बंद रही, जिसके कारण सेना की संख्या में 1.80 लाख की कमी आई. “देश के युवाओं के लिए भारतीय सेना में भर्ती होना सम्मान की बात थी. अब आपने 4 साल की नौकरी कर दी. इनके पास अपने दोस्तों पर लुटाने के लिए लाखों हजारों करोड़ रुपए हैं, लेकिन सेना के जवान को अग्निवीर बना दिया.” उन्होंने बीएसएफ, सीआरपीएफ, और पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को पेंशन और शहीद का दर्जा न देने की नीति की भी आलोचना की. “उनको तनख्वाह देने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है.”
संजय सिंह ने ड्रग्स और आतंकवाद के बीच संबंध को उजागर करते हुए कहा कि अडानी के मुंद्रा पोर्ट पर हजारों करोड़ की ड्रग्स पकड़ी गई. “26 मई, 2022 को मुंद्रा पोर्ट पर 150 करोड़ की हीरोइन पकड़ी गई. एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, अडानी के मुंद्रा पोर्ट से 21,000 करोड़ की ड्रग्स पकड़ी गई जो आतंकवाद में लगती है.” उन्होंने सवाल उठाया कि ड्रग्स मामले में पकड़े गए लोगों पर क्या कार्रवाई हुई और सरकार इस पर चुप क्यों है? “अडानी प्रधानमंत्री का सबसे करीबी व्यक्ति है. देश पूछना चाहता है, मोदी जी क्या कर रहे हैं?”
संजय सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन और अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को समर्थन देने का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि 2020 में गलवान घाटी में हमारे जवान शहीद हुए, लेकिन इसके बाद भी भारत सरकार ने चीन से 37 लाख करोड़ रुपये का आयात किया. “पिछले पांच साल में भारत सरकार ने 37 लाख करोड़ रुपए का सामान चीन से आयात किया. भारत सरकार चीन को लाखों करोड़ रुपए का व्यापार दे रहा है और चीन पाकिस्तान को मिसाइल दे रहा है.” उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान को आईएमएफ से 3 लाख करोड़ का कर्ज मिला, जो आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो सकता है.
संजय सिंह ने स्पष्ट किया कि जब भी देश पर संकट आएगा, आम आदमी पार्टी सरकार के साथ खड़ी रहेगी. लेकिन उन्होंने सरकार पर लोगों को बांटने और विपक्ष को गद्दार कहने का आरोप लगाया. “जब भी देश पर संकट होगा, हम सरकार के साथ खड़े रहेंगे, लेकिन लोगों को बांटना, गद्दार कहकर अपमानित करना बंद करें.” उन्होंने पहलगाम हमले के बाद भाजपा के ट्विटर हैंडल से किए गए पोस्ट का जिक्र किया, जिसमें धर्म और जाति के आधार पर बयानबाजी की गई. “पहलगाम की घटना के बाद हम लोग श्रद्धांजलि दे रहे थे और भाजपा के ट्वीटर हैंडल से पोस्ट किया गया कि धर्म पूछा, जाति नहीं.''