menu-icon
India Daily

Bihar assembly election 2025: वोटर लिस्ट पर सियासी संग्राम! RJD पार्टी पहुंची सुप्रीम कोर्ट, चुनाव आयोग के फैसले को दी चुनौती

बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे Special Intensive Revision (SIR) अभियान के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. राजद ने इसे केवल बिहार में लागू किए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं. पार्टी का दावा है कि यह कदम विपक्षी वोटरों को हटाने की साजिश है. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इसी मुद्दे को लेकर शीर्ष अदालत का रुख किया है.

auth-image
Edited By: Kuldeep Sharma
supreme court of india
Courtesy: web

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण शुरू किया है, जिससे विपक्षी दलों में हड़कंप मच गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस कार्रवाई को एकतरफा और पक्षपातपूर्ण बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. RJD नेता तेजस्वी यादव ने इसे दलितों और वंचितों के वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश बताया है.

राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनाव आयोग के विशेष पुनरीक्षण आदेश को चुनौती दी है. उनका आरोप है कि यह कार्रवाई केवल बिहार तक ही सीमित है जबकि पिछले बार ऐसा पुनरीक्षण 2003 में पूरे देश में हुआ था. उन्होंने इसे वोटर लिस्ट से विपक्षी मतदाताओं को हटाने की कोशिश बताया.

चुनाव आयोग ने दी सफाई

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि 24 जून 2025 को दिए गए आदेश के अनुसार SIR अभियान बिहार में सुचारू रूप से चल रहा है. बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने X  पर बताया कि 1 अगस्त को जारी होने वाली प्रारंभिक मतदाता सूची में उन सभी लोगों के नाम होंगे जिन्होंने फॉर्म जमा किए हैं. आयोग ने कहा कि किसी भी मतदाता के साथ अन्याय नहीं होगा.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस अभियान को बीजेपी और आरएसएस की साजिश करार दिया है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य दलितों और वंचित वर्गों से मतदान का अधिकार छीनना है. अन्य विपक्षी दलों ने भी इस कदम पर चिंता जताते हुए चुनाव आयोग से इसे रोकने की मांग की है

महुआ मोइत्रा ने भी जताई आशंका

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के युवाओं को मताधिकार से वंचित करने की मंशा से यह कदम उठाया गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगला निशाना बंगाल हो सकता है, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. महुआ ने इसे लोकतंत्र के खिलाफ साजिश बताते हुए कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है.