ENG VS IND 2ND TEST: एजबेस्टन में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के अंतिम दिन भारत ने अपनी रणनीति और अनुभवी खिलाड़ियों के प्रदर्शन के दम पर इंग्लैंड पर दबाव बनाया. यह वह दिन था जब रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों ने अपनी चतुराई और कौशल से खेल का रुख भारत के पक्ष में मोड़ दिया. आइए, जानते हैं कैसे भारत ने इस महत्वपूर्ण मुकाबले में अपनी पकड़ मजबूत की.
जब इंग्लैंड के बल्लेबाज बेन स्टोक्स और जेमी स्मिथ भारत के सामने एक मजबूत साझेदारी बनाने की कोशिश कर रहे थे, तब लंच से पहले का सेशन निर्णायक साबित हुआ. कप्तान शुभमन गिल ने रविंद्र जडेजा को अंतिम ओवर सौंपा. जडेजा ने गिल के साथ छोटी सी चर्चा के बाद अपनी गेंदबाजी में चतुराई दिखाई. उन्होंने 100 सेकंड से भी कम समय में छह गेंदें फेंकी, जिससे स्मिथ को क्रीज पर जमने का मौका ही नहीं मिला. इस तेज ओवर ने भारत को लंच से पहले एक अतिरिक्त ओवर का मौका दिया.
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— Sony Sports Network (@SonySportsNetwk) July 6, 2025
वाशिंगटन सुंदर का मास्टरस्ट्रोक
गिल ने इस बोनस ओवर में वाशिंगटन सुंदर को गेंद थमाई, और यह फैसला तुरंत रंग लाया. सुंदर ने लंच से ठीक पहले आखिरी गेंद पर इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को आउट कर मेजबान टीम को करारा झटका दिया. स्टोक्स के आउट होने के बाद इंग्लैंड का स्कोर 153/6 हो गया, और भारत को अपनी पहली एजबेस्टन टेस्ट जीत के लिए केवल चार विकेट की जरूरत थी. विकेट गिरने के बाद जडेजा और गिल को खुशी से हाई-फाइव करते देखा गया, जो इस रणनीति की सफलता का प्रतीक था.
मौसम और जडेजा का जादू
मैच के दौरान मौसम ने भी अपनी भूमिका निभाई. घने बादलों और रुक-रुक कर बारिश के बाद अचानक तेज धूप निकल आई. पहले सत्र में जडेजा को आक्रमण में लाया गया, और उन्होंने रफ से टर्न लेकर बल्लेबाजों को परेशान किया. हेडिंग्ले के उलट, जडेजा ने अपनी गति को नियंत्रित किया और अधिक स्पिन हासिल की, जिससे स्टोक्स और स्मिथ दोनों दबाव में आ गए. स्टोक्स ने मोहम्मद सिराज की गेंदों पर चार चौके जड़े, जिसमें एक शानदार पुल और कवर ड्राइव शामिल था. हालांकि, जडेजा के खिलाफ स्वीप शॉट खेलने की उनकी कोशिश नाकाम रही.
जीत की ओर भारत
लंच से पहले सुंदर के ओवर ने खेल का पासा पलट दिया. पांचवें दिन केवल दो संभावित परिणाम थे: भारत की जीत या बारिश के कारण ड्रॉ. इंग्लैंड ने पिछले तीन सालों में केवल एक टेस्ट ड्रॉ किया है, और विशाल लक्ष्य का पीछा करने की उनकी उम्मीदें धूमिल हो चुकी थीं. भारत को अब केवल चार विकेट चाहिए, और उसकी स्थिति मजबूत है. यह जीत न केवल एजबेस्टन में भारत की पहली टेस्ट जीत होगी, बल्कि यह सीरीज को बराबरी पर लाने का भी मौका देगी.