Hardik Pandya: श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को केंद्रीय अनुबंधों से बाहर रखने का फैसला सुर्खियों में बना हुआ है, वहीं हार्दिक पांड्या को शामिल करने पर भी काफी चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक, चयनकर्ताओं और बीसीसीआई ने पांड्या को अनुबंध तभी दिया, जब उन्होंने वादा किया कि राष्ट्रीय टीम के साथ किसी सफेद गेंद की सीरीज के दौरान, वे घरेलू क्रिकेट में बड़ौदा के लिए सैयद मुश्ताक अली टी20 और विजय हजारे ट्रॉफी में भाग लेंगे.
हालिया सेलेक्शन मीटिंग में श्रेयस और ईशान के अलावा, सालाना करारों की ग्रेड ए सूची में पांड्या के चयन पर भी चर्चा हुई. अक्टूबर में विश्व कप के दौरान टखने की चोट से उबरने के बाद पांड्या पिछले हफ्ते ही डीवाई पाटिल टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी कर पाए, जहां वह रिलायंस के लिए खेल रहे थे. ईशान की तरह पांड्या भी वडोदरा में व्यक्तिगत रूप से अभ्यास कर रहे थे, लेकिन उनके पक्ष में यह बात रही कि वह समय-समय पर अपनी फिटनेस का आकलन कराने के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिपोर्ट करते रहे.
हालांकि, बीसीसीआई के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार, पांड्या ने यह भी आश्वासन दिया है कि यदि वे इंटरनेशनल कमिटमेंट के साथ बिजी न हों, तो वह घरेलू टूर्नामेंटों में भाग लेंगे. अधिकारी ने कहा, "हमने पांड्या से बात की है, उन्हें सलाह दी गई है कि जब वह उपलब्ध हों तो घरेलू सफेद गेंद वाले टूर्नामेंट खेलें. फिलहाल, बीसीसीआई की मेडिकल टीम के आकलन के अनुसार, वह लाल गेंद वाले प्रारूपों में गेंदबाजी करने की स्थिति में नहीं हैं. इसलिए उनके लिए रणजी ट्रॉफी खेलना संभव नहीं है. लेकिन अगर भारत की कोई सफेद गेंद की सीरीज नहीं है, तो उन्हें अन्य घरेलू टूर्नामेंट खेलने होंगे, नहीं तो वह अनुबंध से चूक सकते हैं."
दूसरी ओर, पूर्व क्रिकेटरों ने श्रेयस और ईशान को अनुबंध से बाहर किए जाने के फैसले का स्वागत किया है. वहीं, इरफान पठान ने ट्विटर पर पांड्या के चयन पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, "वे दोनों (इशान किशन और श्रेयस अय्यर) प्रतिभाशाली क्रिकेटर हैं. उम्मीद है कि वे वापसी करेंगे और मजबूत होकर आएंगे. लेकिन अगर हार्दिक जैसे खिलाड़ी लाल गेंद वाली क्रिकेट नहीं खेलना चाहते हैं, तो क्या उन्हें और उनके जैसे अन्य लोगों को सफेद गेंद वाली क्रिकेट में भाग लेना चाहिए, जब वे राष्ट्रीय टीम में नहीं होते हैं? यदि यह नियम सभी पर लागू नहीं होता है, तो भारतीय क्रिकेट मनचाहे रिजल्ट हासिल नहीं करेगा!"
गौरतलब है कि बीसीसीआई आगामी समय में कॉन्ट्रैक्टेड खिलाड़ियों को यह निर्देश भी दे सकता है कि जब वे राष्ट्रीय टीम में न हों, तो उन्हें अपनी संबंधित राज्यों के क्रिकेट संघ को रिपोर्ट करना होगा. इससे पहले भी कई बार देखा गया है कि घरेलू सीजन के बीच में, कई राज्यों के खिलाड़ी अपनी-अपनी आईपीएल फ्रेंचाइजियों के साथ छोटे कैंपों में शामिल हो जाते हैं, जिससे राज्यों के क्रिकेट संघ खुश नहीं होते हैं. उदाहरण के लिए, श्रेयस अय्यर मुंबई के साथ रणजी मैच से गायब रहने के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स के कैंप में शामिल हो गए थे.