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फिर दिखी चीन की दादागिरी, Xi Jinping बोले - कोई भी ताकत हमें नहीं रोक सकती

China On Tech Side Progress: चीन पर अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों ने सेमीकंडक्टर डिवाइस के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है. इसे लेकर चीन समय-समय पर अमेरिका को खरी खोटी सुनाता रहता है.

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India Daily Live

China On Tech Side Progress: चीन खुद को दुनिया का बादशाह बनना चाहता है. समय-समय पर वह खुद ही अपनी शक्ति का प्रदर्शन करता रहता है. हाल ही में चीनी राष्ट्रपति Xi Jinping और नीदरलैंड के प्रधानमंत्री Mark Rutte के बीच टेक्नोलॉजी को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई है.

दोनों नेताओं के बीच सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री पर खास चर्चा हुई. सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार शी जिनपिंग ने टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट को लेकर कमिटमेंट देते हुए कहा कि टेक की दुनिया में आगे बढ़ने से कोई बाहरी ताकत चीन को नहीं रोक सकती.  

चीनी एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीनी लोगों के पास भी विकास करने का वैध अधिकार है. चीन की वैज्ञानिक और तकनीकी गति के विकास को कोई भी ताकत नहीं रोक सकती है.

राष्ट्रपति शी ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में जीत की  वकालत करते हुए चीन के डेवलपमेंट को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की.

चीन पर लगा है प्रतिबंध

यूएस ने अमेरिकी कंपनियों को बिना लाइसेंस के चीन को निर्यात किए जाने वाले हाई सेमिकंडक्टर चिप्स पर रोक लगाई है. यानी अगर चीन को यूएस कंपनी से हाई एआई चिप मगानी है तो कंपनियों को इसके लिए पहले सरकार से लाइसेंस लेना होगा.  इसके साथ नीदरलैंड ने भी चीन पर प्रतिबंध लगा रखा है. चीन और नीदरलैंड के बीच टेंशन बढ़ने का कारण हैं. अमेरिकी की वजह से दोनों के बीच क्लैश चल रहा है.

नीदरलैंड ने भी लगा रखा है प्रतिबंध

नीदरलैंड ने चीप बनाने वाली कंपनी ASML पर प्रतिबंध लगाया है कि वह अपने चिप चीन को निर्यात नहीं करेगा. नीदरलैंड के इस कदम से एएसएमल का बिजनेस प्रभावित हुआ है. दरअसल, अल्ट्रावायलेट लिथोग्राफी मशीन के  चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था. ये मशीन सेमीकंडक्टर डिवाइस बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. ताइवान की टीएसएमसी जैसी कंपनियां इन मशीनों की मदद से कई प्रकार के सेमिकंडक्टर चिप्स बनाती है.

'विभाजन और टकराव पैदा होगा'

चीनी के विरोध के बाद नीदलैंड अपने फैसले पर कायम है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि कहा है हमें एख दूसरे खे खिलाफ जाने की बजाय एक दूसरे का सहयोग करके काम करना चाहिए. वैज्ञानिक और तकनीकी बाधाएं पैदा करने, औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखलाओं को तोड़ने से केवल विभाजन और टकराव पैदा होगा.

डच पीएम ने दिया जवाब

चीनी राष्ट्रपति की बातों का जवाब देते हुए नीदरलैंड के पीएम Mark Rutte ने कहा कि अल्ट्रावायलेट लिथोग्राफी और अन्य चिप्स के निर्यात पर बैन किसी एक देश को टारगेट करके नहीं लगाया गया. बल्कि बिजनेस में पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम उठाया गया है.  

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