MDH and Everest: भारत की मसाला निर्माता कंपनियां एमडीएच और एवरेस्ट की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले सिंगापुर और हांगकांग और अब अमेरिका में उसके ऊपर गाज गिरने वाली है. क्वालिटी चेक में दोनों मसाला कंपनियां सिंगापुर और हांगकांग में फेल हो चुकी है. दोनों ही देश की सरकारों ने इन कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट पर रोक भी लगा दी है. इनके कुछ प्रोडक्ट्स में एथिलीन ऑक्साइड पाया गया. इसी को देखते हुए अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया है. इस संबंध में एमडीएच ने प्रेस रिलीज जारी करके चुप्पी भी तोड़ी है. एमडीएच की ओर से प्रेस रिलीज में कहा गया कि ये सभी दावे झूठे हैं. जांच एजेंसियों को किसी भी प्रकार हमारे खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है.
एमडीएच की ओर से कहा गया कि एमडीएच पर लगाए गए सभी आरोप निराधार और तथ्यों से परे हैं. कंपनी अपने किसी भी प्रोडक्ट में एथिलीन ऑक्साइड(ETO) का उपयोग नहीं करती.105 सालों से हम अपनी पुरानी विरासत पर विश्वास बनाए हुए हैं.
बीते दिनों हॉन्गकॉन्ग के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने एमडीएच के मद्रास करी पाउडर, मिक्स मसाला पाउडर और सांभर मसाला पर हांगकांग ने बैन लगाया था. जबकि Everest के फिश करी मसाला में एथिलीन ऑक्साइड पाए जाने पर बैन लगाया गया था.
एथिलीन ऑक्साइड का काम मात्रा में भी अधिक समय तक सेवन किया जाए तो इससे कैंसर होने की संभावना अधिक होती है. ऐसे में अब अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग एमडीएच और एवरेस्ट मसालों के प्रोडक्ट्स की जांच कर सकता है. अगर जांच में अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग को एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा मिलती है तो इस पर बैन लग सकता है.