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भारत को आंख दिखाने वाले चीन-पाक की अब खैर नहीं, जर्मनी ने भारत को दिया बड़ा तोहफा

जर्मनी ने भारत से उसे छोटे हथियारों की बिक्री करने से प्रतिबंध हटा लिया है. जर्मनी ने कहा कि वह भारत को एक अपवाद मानते हुए यह प्रतिबंध हटा रहा है.

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हाल के वर्षों में वैश्विक मंच पर भारत एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गया है. दुनियाभर के देशों के लिए आज भारत आर्थिक और सामरिक लिहाज से कितना महत्वपूर्ण है, जर्मनी के एक फैसले ने इसका सबूत दे दिया है.

दरअसल, जर्मनी ने भारत के लिए हथियारों की बिक्री से प्रतिबंध हटा लिया है. जर्मनी ने कहा कि वह भारत को एक अपवाद मानते हुए उसे छोटे हथियारों की बिक्री से प्रतिबंध हटा रहा है. अब से पहले तक जर्मनी ने गैर नाटो देशों को छोटे हथियारों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा था.

द इंडियन एक्सप्रेस ने मामले के जानकार सूत्रों के हवाले से लिखा कि जर्मनी से छूट मिलने के बाद भारत अब अपनी सेना और राज्य पुलिस बलों के लिए छोटे हथियार खरीद सकता है. सूत्रों के मुताबिक, जर्मनी ने इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) को उसकी एमपी5 सबमशीन गन के लिए स्पेयर पार्ट्स और अन्य सहायक उपकरण खरीदने की अनुमति दी है.

जर्मनी की Heckler & Koch कंपनी भारतीय नेवी मरीन कमांडोज  (MARCOS) और एनएसजी द्वारा इंस्तेमाल की जाने वाली MP5 सबमशीन गन्स बनाती है. इसके अलावा जर्मनी ने अपने निर्यात लाइसेंसिंग नियमों में भी ढील दी है और इस प्रकार जर्मनी ने पिछले एक महीने में भारत के कई अनुरोधों को मंजूरी दी है. इससे पहले भी जर्मनी ने छोटे हथियारों को छोड़कर भारत के 95 प्रतिशत अनुरोधों को माना है, लेकिन  इस प्रक्रिया में काफी समय लगता था, जिसने जर्मनी को प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए प्रेरित किया.


रिपोर्ट के मुताबिक भारत और जर्मनी में रक्षा सहयोग तेजी से बढ़ रहा है. भारतीय वायु सेना अपने एएन-32  को बदलने के लिए 18 से 30 टन की वहन क्षमता वाले मध्यम परिवहन विमान की तलाश कर रही है, जर्मनी सहित कई वैश्विक निर्माता इसमें रुचि ले रहे हैं. इस साल अक्टूबर के अंत में जर्मनी के दो जहाज एक बड़ी तैनाती के हिस्से के रूप में भारत का दौरा करेंगे और भारतीय नौसेना के साथ समुद्री युद्धाभ्यास में हिस्सा लेंगे.

इसके अलावा जर्मनी भारत को हल्के टैंक कार्यक्रम के लिए इंजन उपलब्ध कराने  के लिए भारत के साथ बातचीत कर रहा है. हालांकि यह बातचीत अभी शुरुआती दौर में है. इसके अलावा जर्मनी की वायु सेना पहली बार अगस्त में प्रस्तावित बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास तरंग शक्ति में भी हिस्सा लेने जा रही है.