न्यूज़ीलैंड के उत्तरी और दक्षिणी द्वीपों में बुधवार सुबह अचानक वाई-फाई और रेडियो सिग्नल काम करना बंद हो गए. यह खराबी लोगों के लिए हैरान करने वाली थी, क्योंकि न तो कोई तकनीकी गड़बड़ी थी और न ही कोई तूफान. बाद में पता चला कि यह व्यवधान ऑस्ट्रेलियाई युद्धपोत एचएमएएस कैनबरा के कारण हुआ, जो चुपके से वेलिंगटन की ओर बढ़ रहा था.
एचएमएएस कैनबरा, रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी का एक विशाल युद्धपोत, अपने नेविगेशन रडार के कारण न्यूज़ीलैंड में इंटरनेट और रेडियो सिग्नलों में बाधा डाल रहा था. यह रडार न्यूज़ीलैंड के वाई-फाई और एफएम रेडियो स्टेशनों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली फ्रीक्वेंसी पर काम कर रहा था. इसकी वजह से तारानाकी से लेकर मार्लबोरो तक के इलाकों में इंटरनेट और रेडियो सेवाएं प्रभावित हुईं.
कब और कैसे शुरू हुई समस्या?
तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, यह व्यवधान बुधवार तड़के करीब 2 बजे शुरू हुआ. इस दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी ठप हो गई, और कई छोटे रेडियो स्टेशन बंद हो गए. इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को अपने नेटवर्क बंद करने पड़े, जबकि ब्रायन एफएम जैसे रेडियो स्टेशनों को बैकअप सिस्टम पर स्विच करना पड़ा. न्यूज़ीलैंड की इंटरनेट कंपनी प्राइमो के प्रबंध निदेशक मैथ्यू हैरिसन ने कहा, "यह कोई सामान्य तकनीकी खराबी नहीं थी. यह सैन्य स्तर के शक्तिशाली रडार का असर था."
ऑस्ट्रेलियाई नौसेना की प्रतिक्रिया
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल (एडीएफ) ने इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए एक बयान जारी किया. उन्होंने स्वीकार किया कि उनके युद्धपोत के रडार ने सिग्नलों में बाधा डाली थी. जैसे ही उन्हें इस समस्या का पता चला, उन्होंने तुरंत रडार की फ्रीक्वेंसी बदल दी, जिसके बाद सामान्य सेवाएं बहाल हो गईं. इस त्वरित कार्रवाई के कारण लंबे समय तक व्यवधान नहीं हुआ.
साझा फ्रीक्वेंसी का मुद्दा
न्यूज़ीलैंड के रेडियो स्पेक्ट्रम विभाग के अधिकारी डैन ओ'ग्राडी ने बताया कि प्रभावित फ्रीक्वेंसी बैंड एक साझा स्पेक्ट्रम है, जिसका उपयोग आम लोग वाई-फाई और ब्लूटूथ के लिए करते हैं. युद्धपोत के रडार ने इस साझा बैंड पर काम करके अनजाने में व्यवधान पैदा किया. यह घटना तकनीकी रूप से असामान्य थी, लेकिन इसने सैन्य उपकरणों और नागरिक सेवाओं के बीच फ्रीक्वेंसी टकराव की संभावना को उजागर किया.
हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब
इस घटना को लेकर न्यूज़ीलैंड की इंटरनेट कंपनी प्राइमो के प्रबंध निदेशक मैथ्यू हैरिसन ने मजाकिया अंदाज में सोशल मीडिया पर लिखा, "रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी, बिल कहां भेजें?" उनके इस हल्के-फुल्के कमेंट ने इस गंभीर स्थिति में थोड़ी हंसी जोड़ दी. कई लोगों के लिए यह घटना एक अनोखा और यादगार तकनीकी झटका था, जो सैन्य गतिविधियों की याद दिलाता है.