menu-icon
India Daily

'अगले 100 सालों में भी नहीं होगा कोई सुधार...', वेस्टइंडीज की टीम को लेकर पूर्व दिग्गज ने की हैरानी भरी भविष्यवाणी

Clive Lloyd: क्लाइव लॉयड ने वेस्टइंडीज टेस्ट टीम के खराब प्रदर्शन देखते हुए बड़ी चेतवानी दी है. उनका मानना है कि अगर दो-स्तरीय प्रणाली लागू की जाती है, तो विंडीज की टीम 100 सालों तक दूसरे टियर में ही अटकी रहेगी.

West Indies Test Team
Courtesy: Social Media

Clive Lloyd: वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम की मौजूदा स्थिति को देखकर पूर्व दिग्गज कप्तान क्लाइव लॉयड ने एक चौंकाने वाली भविष्यवाणी की है. उनका कहना है कि अगर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने टेस्ट चैंपियनशिप में दो-स्तरीय प्रणाली लागू की, तो वेस्टइंडीज की टीम अगले 100 साल तक निचले स्तर पर ही अटकी रहेगी. 

वेस्टइंडीज की टीम को हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-3 से हार का सामना करना पड़ा. इस सीरीज में वेस्टइंडीज ने टेस्ट क्रिकेट में अपने इतिहास का सबसे कम स्कोर बनाया, जब उनकी पूरी टीम महज 27 रनों पर सिमट गई. इस समय वेस्टइंडीज आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में आठवें स्थान पर है. अगर दो-स्तरीय प्रणाली लागू होती है, तो उन्हें शीर्ष चार टीमों के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिलेगा.

क्लाइव लॉयड की चेतावनी

विश्व कप विजेता कप्तान क्लाइव लॉयड ने कहा, "अगर यह प्रणाली शुरू हुई, तो हम 100 साल तक निचले स्तर पर ही रहेंगे. "लॉयड ने वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड से आईसीसी के सामने मजबूती से अपनी बात रखने की अपील की. उनका मानना है कि बोर्ड को आईसीसी से अधिक धनराशि की मांग करनी चाहिए क्योंकि मौजूदा वितरण व्यवस्था में भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को 180 मिलियन डॉलर मिलते हैं, जबकि वेस्टइंडीज को बांग्लादेश और अफगानिस्तान की तरह केवल 80 मिलियन डॉलर दिए जाते हैं.

लॉयड ने कहा, "यह व्यवस्था सही नहीं है. हमें आईसीसी से विशेष छूट मांगनी चाहिए. जब हम 70 और 80 के दशक में शीर्ष पर थे, तब हर कोई हमारे साथ खेलना चाहता था. उस समय हम क्रिकेट की दुनिया में सबसे बड़े आकर्षण थे."

70-80 के दशक की चमक अब फीकी

70 और 80 के दशक में वेस्टइंडीज की टीम अपनी शानदार तेज गेंदबाजी के लिए जानी जाती थी. उस समय उनके पास विश्व स्तरीय खिलाड़ी थे, जो मैदान पर हर टीम को चुनौती देते थे. लेकिन समय के साथ यह चमक फीकी पड़ गई.

लॉयड ने कहा, "उस समय हम ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ बार-बार खेलते थे. जब हम पाकिस्तान या भारत जाते थे, तो लाखों लोग स्टेडियम में हमें देखने आते थे. हम उस समय क्रिकेट की दुनिया के लिए 'कैश काउ' थे. अब हमें उसका उचित हिस्सा मिलना चाहिए."