Sonia Gandhi Voter List Controversy: बिहार में हुए मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का मुद्दा गर्म है. विपक्ष इसे लेकर बीजेपी पर और चुनाव आयोग को घेर रहा है. इस बीच BJP के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.मालवीय ने दावा किया है कि सोनिया गांधी का नाम भारत की मतदाता सूची में दो बार तब शामिल हुआ, जब वह भारतीय नागरिक भी नहीं थीं.
मालवीय ने सबूत के तौर पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक तस्वीर भी शेयर की है. जिसमें गांधी परिवार के सभी सदस्यों का नाम है. अमित मालवीय ने बुधवार को एक ट्वीट में लिखा भारत की मतदाता सूची के साथ सोनिया गांधी का रिश्ता चुनावी कानूनों के घोर उल्लंघनों से भरा पड़ा है. शायद यही कारण है कि राहुल गांधी अयोग्य और अवैध मतदाताओं को नियमित करने के पक्षधर हैं और विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का विरोध करते हैं.
Sonia Gandhi’s tryst with India’s voters’ list is riddled with glaring violations of electoral law. This perhaps explains Rahul Gandhi’s fondness for regularising ineligible and illegal voters, and his opposition to the Special Intensive Revision (SIR).
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 13, 2025
Her name first appeared… pic.twitter.com/upl1LM8Xhl
1980 में मतदाता सूची में उनका नाम पहली बार दिखा-मालवीय
मालवीय के अनुसार, उनका नाम पहली बार 1980 में मतदाता सूची में दिखाई दिया था भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले और तब भी उनके पास इतालवी नागरिकता थी. उस समय, गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक निवास पर रहता था. उस समय तक, उस पते पर पंजीकृत मतदाता इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी और मेनका गांधी थे. 1980 में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में 1 जनवरी, 1980 को अर्हता तिथि मानकर संशोधन किया गया था. इस संशोधन के दौरान, सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 145 के क्रमांक 388 पर जोड़ा गया.
मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए किसी व्यक्ति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक
मालवीय का कहना है यह उस कानून का स्पष्ट उल्लंघन थी जिसके अनुसार मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए किसी व्यक्ति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है. 1982 में भारी विरोध के बाद, उनका नाम सूची से हटा दिया गया था और 1983 में फिर से दिखाई दिया. लेकिन उनकी बहाली ने भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए. उस साल मतदाता सूची के नए संशोधन में सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 140 में क्रम संख्या 236 पर दर्ज था. पंजीकरण की तिथि 1 जनवरी, 1983 थी - फिर भी उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल, 1983 को ही प्रदान की गई.
मालवीय ने कहा कि सोनिया गांधी का नाम मूल नागरिकता की आवश्यकता पूरी किए बिना दो बार मतदाता सूची में दर्ज हुआ. पहली बार 1980 में एक इतालवी नागरिक के रूप में,और फिर 1983 में कानूनी रूप से भारत की नागरिक बनने से कुछ महीने पहले. हम यह भी नहीं पूछ रहे कि राजीव गांधी से शादी करने के बाद उन्हें भारतीय नागरिकता स्वीकार करने में 15 साल क्यों लग गए.