निमिषा प्रिया का मामला आज पूरे देश और मीडिया की नजर में है. यमन की जेल में बंद इस भारतीय नर्स को अब कुछ ही दिनों में फांसी दी जानी है. लेकिन यह सिर्फ एक हत्या का मामला नहीं, बल्कि उसके पीछे छिपी एक लंबी और दर्दनाक कहानी है. एक महिला, जो अपने करियर और परिवार को बेहतर बनाने के लिए विदेश गई थी, कैसे वहां शोषण, प्रताड़ना और डर के साए में जीने को मजबूर हुई. यह कहानी न सिर्फ इंसाफ की पुकार है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों पर भी सवाल उठाती है.
निमिषा प्रिया, केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली एक नर्स हैं. उन्होंने 2014 में बेहतर कमाई और अवसरों के लिए यमन में कदम रखा और वहां एक क्लिनिक शुरू किया. इस क्लिनिक में उनका बिजनेस पार्टनर था यमन का नागरिक तलाल अब्दो महदी. शुरूआत में सब कुछ ठीक चला, लेकिन समय के साथ हालात बदतर होते चले गए.
निमिषा की शादी पहले ही भारत में थॉमस नामक व्यक्ति से हो चुकी थी, और उनकी एक बेटी भी है. लेकिन यमन में तलाल ने सबके सामने खुद को उसका पति बताना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे क्लिनिक में अपना दबदबा कायम कर लिया. जब क्लिनिक से अच्छी कमाई होने लगी, तो तलाल ने उस पर भी अपना हक जताना शुरू कर दिया और यहां तक कि खुद को कानूनी रूप से क्लिनिक का हिस्सेदार घोषित करवा लिया.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जेल से बातचीत में निमिषा ने बताया कि तलाल ने उसके साथ मानसिक और शारीरिक शोषण की सारी सीमाएं पार कर दी थीं. वह अक्सर शराब के नशे में धुत होकर आता, क्लिनिक के कर्मचारियों के सामने उसे मारता और थूकता. इतना ही नहीं, उसने निमिषा का पासपोर्ट जबरन अपने पास रख लिया, जिससे वह यमन छोड़कर भारत लौट न सके.
सबसे गंभीर आरोप यह था कि तलाल रात में अपने दोस्तों को घर बुलाता और निमिषा को उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करता. वह डर के मारे कई बार रात के अंधेरे में यमन की सड़कों पर अकेले भागती थी, जहां महिलाओं का अकेले निकलना बेहद असुरक्षित माना जाता है. 2016 में उसने एक बार पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई, लेकिन कोई खास कार्रवाई नहीं हुई.
लगातार प्रताड़ना से तंग आकर, 2017 में निमिषा ने फैसला किया कि वह तलाल को नशीली दवा देकर बेहोश करेगी ताकि अपना पासपोर्ट वापस ले सके और यमन से निकल सके. पहली बार में दवा का असर नहीं हुआ, लेकिन दूसरी बार ओवरडोज़ देने से तलाल की मौत हो गई. इसके बाद यमन की पुलिस ने निमिषा को गिरफ्तार कर लिया.
जांच के बाद अदालत ने उसे हत्या का दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई. यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है. भारत सरकार निमिषा को फांसी से बचाने की पूरी कोशिश कर रही है और कानूनी और कूटनीतिक स्तर पर राहत के रास्ते तलाशे जा रहे हैं.